(www.arya-tv.com) वर्ष 2000 में चारबाग रेलवे स्टेशन पर जीआरपी को एक चार साल की बच्ची मिलती है. जीआरपी उसे बालगृह पहुंचा देती है. बालगृह से उसे अमेरिका की रहने वाली एक महिला गोद ले लेती है और वहां ले जाकर उसको मारती पीटती है और गाली देती है. वही लड़की 26 साल की होने के बाद लखनऊ वापस लौटती है, ताकि अपनी जड़े तलाश सकें कि आखिर वह कौन है…यह कोई फिल्मी कहानी नहीं है बल्कि हकीकत है.
लखनऊ में इन दिनों 26 साल की राखी उर्फ महागनी यहां की सड़कों पर अपनी पहचान तलाश रही हैं और अपनों की तलाश में जगह-जगह जाकर पूछताछ कर रही हैं. इनके साथ इनके दोस्त क्रिस्टोफर भी हैं. महागनी से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि वर्ष 2000 में वह लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर जीआरपी को लावारिस अवस्था में मिली थीं. जीआरपी ने उन्हें लखनऊ के मोती नगर स्थित लीलावती मुंशी बालिका बालगृह में रखवा दिया था. इसी में एडॉप्शन केयर सेंटर चलता है, जहां से वर्ष 2002 में उन्हें अमेरिका की रहने वाली क्रेयल नाम की महिला ने गोद ले लिया था.
अमेरिकी महिला ने पढ़ाया लिखाया
यहां से वह उन्हें अमेरिका लेकर गई, अंग्रेजी सिखाया और पढ़ाया लिखाया. लेकिन इस दौरान उनके साथ मारपीट भी खूब हुई. इसीलिए अपना हाई स्कूल पूरा करने के बाद उन्होंने उसका घर छोड़ दिया था और इसके एक साल बाद ही उस महिला की मौत हो गई. वह कहती हैकि उनका परिवार अगर यहां मिल गया तो वह उनसे पूछेंगे कि आखिर उन्हें क्यों लावारिस अवस्था में छोड़ दिया था.
महागनी ने बताया कि वह आठ सितंबर को अपने दोस्त क्रिस्टोफर के साथ भारत लौटी और लखनऊ आकर उन्होंने सबसे पहले चारबाग रेलवे स्टेशन को जाकर देखा, वहां पर जीआरपी के रिकॉर्ड खंगाले लेकिन कुछ नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने लीलावती मुंशी बालिका बालगृह भी जाकर रिकॉर्ड देखे लेकिन वहां से भी कोई जानकारी नहीं मिल सकी. अपनों को तलाशने के लिए वह यहां पर अपने दोस्त क्रिस्टोफर के साथ ही कैब ड्राइवर राज का सहारा ले रही हैं. वकीलों से भी वह मिल चुकी हैं और मीडिया के जरिए वह चाहती हैं कि उनका परिवार उन्हें देखे और उनसे संपर्क करे. वह कहती हैं कि उन्हें उम्मीद है की यह सारी खबरें उनके भाई-बहन या माता-पिता तक पहुंचेगी और वो उनसे संपर्क जरुर करेंगे.
कैफे मैनेजर बनकर खुद को पाला
महागनी ने बताया कि अमेरिका में खुद को पालने के लिए उन्होंने कैफे मैनेजर की नौकरी की. पेशे से वह कलाकार भी हैं और तो और मॉडलिंग भी वह करती हैं. इसी से वह पैसा कमाती हैं और जो भी पैसे इन्होंने अब तक इकट्ठा किए थे. उन्हीं पैसों की मदद से वह लखनऊ लौटी हैं और यहां पर इंदिरा नगर में रहकर गुजारा कर रही हैं.