प्राण प्रतिष्ठा: गोरखपुर में जमकर हुई आतिशबाजी फिर हवा में घुल गया काला जहर

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(www.arya-tv.com)  गोरखपुर शहर की आबोहवा एक बार फिर खराब हो गई है। रविवार को शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 84 दर्ज किया गया था। जबकि, सोमवार को 130 और मंगलवार की सुबह 160 पर पहुंच गया। विशेषज्ञों का मानना है कि सोमवार को पूरे दिन हुई आतिशबाजी के चलते ही प्रदूषण का स्तर अचानक बढ़ गया। ऐसे में मार्निंग वॉक सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। वहीं, डॉक्टर की सलाह है कि ऐसे समय हृदय और सांस के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

पिछले चार दिनों से चल रहे पछुआ हवा के चलते वातावरण में नमी बनी हुई है। बावजूद इसके शहर में आबोहवा स्वच्छ श्रेणी में थी। शनिवार को एक्यूआई 120 था जो रविवार को घटकर 84 पहुंच गया था। इसके बाद सोमवार को श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की खुशी में शहर में जमकर आतिशबाजी हुई। परिणाम स्वरूप सोमवार की रात में एक्यूआई बढ़कर 130 पहुंच गया। मंगलवार की सुबह 11 बजे बढ़कर यह 160 तक पहुंच गया था।
प्रदूषण का यह आलम तब है, जब शहर में इन दिनों ज्यादातर निर्माण कार्य बंद है। मौसम विशेषज्ञ जयप्रकाश के मुताबिक वातावरण में नमी के चलते प्रदूषण के कण वायुमंडल में ऊपर नहीं जा पा रहे हैं। जिससे कोहरा व धुंध बना हुआ है। हवा की रफ्तार धीमी होने के चलते कण निचले स्तर पर बने हुए है। ऐसे में सोमवार को जमकर हुई आतिशबाजी से प्रदूषण के स्तर में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।

ठंड और प्रदूषण से बढ़ेगी समस्या
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. डीके सिंह ने कहा कि इस वक्त ठंड के चलते बच्चे बहुत बीमार हो रहे हैं। इस मौसम में निमोनिया का असर अधिक होता है। ऐसे में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से बच्चों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। इसके अलावा सांस को जो भी रोगी होंगे, उन्हें भी परेशानी होगी। ऐसे मौसम में अगर कोई सांस का रोगी टहलने निकला तो उसे अस्थमा का अटैक भी आ सकता है। इसलिए खुद भी बचाएं और अपने तीन साल से कम उम्र के बच्चों को ठंड व प्रदूषण से बचाने का हर संभव प्रयाास करें।