चलते टेंपो से स्टूडेंट को फेंका:27 दिन कोमा में रही, फिर तोड़ दिया दम

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(www.arya-tv.com)  प्रयागराज के नैनी इलाके में एक चलते टेंपो से स्टूडेंट को फेंकने का वीडियो सामने आया है। जख्मी हालत में स्टूडेंट 27 दिन कोमा में रही। 25 अक्टूबर को उसकी मौत हो गई। परिजनों ने हंगामा किया। प्रदर्शन के बाद रोड भी जाम हुई। मगर पुलिस मामले को दबाती रही।
आखिरकार परिवार टेंपो से स्टूडेंट को फेंकने का CCTV फुटेज खुद ही ढूंढ लाया। पुलिस को सौंपा। तो पहले वीडियो फर्जी बताया गया। फिर दबाव बढ़ा तो इसी वीडियो के आधार पर पुलिस ने ड्राइवर को गिरफ्तार किया।

यमुनानगर औद्योगिक इलाके महुआरी गांव में रितिका रहती थी। यहां वो अपने मामा के घर में रहकर पढ़ाई कर रही थी। मामा के घर से 5 किमी. दूर हेमवती नंदन बहुगुणा राजकीय महाविद्यालय में ग्रेजुएशन कर रही थी। 29 सितंबर की दोपहर 3.30 बजे कॉलेज खत्म होने के बाद घर के लिए निकली थी।
वो एक विक्रम टेंपो में बैठ गई। अभी ये नहीं पता चला है कि उस वक्त टेंपो में कितने लोग थे। ये टेंपो तेज रफ्तार से महआरी गांव की ओर जा रही थी। तभी अरीवा कंपनी के पास टेंपो के अंदर बदमाशों ने स्टूडेंट को नीचे फेंक दिया। स्टूडेंट के जख्मी होने पर राहगीर इकट्‌ठा हो गए। किसी ने मोबाइल से पुलिस को खबर भेजी।
पुलिस ने जख्मी स्टूडेंट को अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टर ने बताया कि सिर पर लगी चोट की वजह से स्टूडेंट कोमा में है। 27 दिनों तक अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ने के बाद स्टूडेंट की 25 अक्टूबर को मौत हो गई थी।
स्टूडेंट को फेंकने वाला पकड़ा नहीं गया
इस पूरे मामले में पुलिस का रोल अच्छा नहीं माना जा सकता है। 27 दिन तक टेंपो, ड्राइवर और फेंकने वाले शख्स की खोजबीन नहीं हुई। जब स्टूडेंट की मौत हो गई। व्यापारी संगठन सड़क पर उतर आए। तब पुलिस एक्टिव हुई। पुलिस का दावा है कि मुख्य आरोपी ड्राइवर को गिरफ्तार का जेल भेजा जा चुका है। वहीं परिजन टैक्सी के अंदर जिस शख्स ने छात्रा को चलती आटो से फेका है उसे मुख्य आरोपी मानते हुए गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं। परिजनों ने 27 अक्टूबर को आलाधिकारियों को ज्ञापन दिया।

वीडियो के आधार पर ड्राइवर को पकड़ा
पुलिस की तरफ से लापरवाही को देखते हुए परिवार के लोगों ने खुद ही कॉलेज से गांव के लिए आने वाले रास्ते पर सीसीटीवी जांचे। एक फुटेज में सबूत हाथ लगे। तो उन्होंने पुलिस को सौंप दिए। पहले पुलिस ने वीडियो को स्वीकार नहीं किया। फर्जी बता दिया। मगर फिर उसी वीडियो को सही मानते हुए ड्राइवर को पकड़ लिया।

जेल भेजा गया ड्राइवर
शुक्रवार को नैनी पुलिस ने एक संदिग्ध की सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर जारी किया है। यह वही फुटेज है, जिसे स्टूडेंट के स्वजन ने पहले ही पुलिस को सीसीटीवी कैमरे से निकालकर दिया था। एसपी यमुना पार सौरभ दीक्षित ने बताया कि 29 सितंबर को यह घटना हुई थी। परिजनों ने 3 अक्टूबर को इस घटना के बारे में पुलिस को बताया था कि स्टूडेंट की कान की बाली छीनते हुए उसे टेंपो से बदमाशों ने फेंक दिया था। पुलिस अभियोग पंजीकृत करते हुए टेंपो ड्राइवर की पहचान की। 6 अक्टूबर को उसे न्यायिक अभिरक्षा भेजा जा चुका है।

आज व्यापारी करेंगे कैंडल मार्च
ड्राइवर ने पुलिस को पूछताछ में बताया था कि छात्रा उतरने का प्रयास कर रही थी, उस वक्त वह चोटिल हो गई थी। पुलिस और डाक्टरों की टीम पूरी कोशिश कर रही थी छात्रा होश में आये, पर ऐसा नहीं हो सका और उसकी मौत हो गई। वहीं जो एक अन्य व्यक्ति जो टैम्पो पर सवार थे उसकी धरपकड़ की कोशिश की जा रही है। आज व्यापारी कैडल मार्च निकालेंगे।