PM आवास के नाम पर 54.61 करोड़ का घोटाला:9217 अपात्रों को बांट दिए आवास, 59 जिलों में फर्जीवाड़ा

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(www.arya-tv.com)  यूपी में गरीबों को आवास देने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत ऐसे लोगों को आवास के नाम पर करोड़ों रुपए की रकम बांट दी गई, जो इस योजना के लिए पात्र ही नहीं थे। प्रदेश के 59 जिलों में ये बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है।

कुल 9217 अपात्रों को आवास के नाम पर 54.61 करोड़ रुपए की रकम बांट दी गई। अब ये लाभार्थी ढूंढें नहीं मिल रहे हैं। सरकार डैमेज कंट्रोल के लिए अपात्रों को दी गई रकम वसूल करने के लिए नोटिस जारी कर रही है।

इस तरह किया गया फर्जीवाड़ा
योजना के तहत देश में कहीं भी पक्का मकान नहीं होना चाहिए। इसके अलावा बीपीएल कार्डधारक होना चाहिए या अधिकतम आय 3 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। लेकिन सरकारी कर्मचारियों की मदद से 6 लाख रुपए से अधिक इनकम वाले और पक्के मकान में रह रहे लोगों के आवेदन स्वीकार कर उन्हें 1.20 लाख रुपए बांट दिए गए। जांच में खेल खुला तो अब वसूली की जा रही है।

अमीरों को आवास हुए आवंटित
गरीबों के आवास अमीरों को आवंटित कर दिए गए। 2016-17 से लेकर 2022-23 तक प्रदेश में 9217 अपात्रों को आवास के नाम पर रकम बांट दी गई। अपात्र लाभार्थी रकम लेकर गायब हो गए हैं। करीब 3 हजार लोग ऐसे हैं, जिन्होंने रकम ले ली, लेकिन आवास बनवाया ही नहीं और गांव तक छोड़कर चले गए। अब इनका पता नहीं लग रहा है कि ये कहां हैं।

सचिवों ने सत्यापन में किया खेल
कच्चे घरों में रहने वाले गरीबों को प्रधानमंत्री आवास देने का प्रावधान है। तीन किस्तों में 1.20 लाख की धनराशि एक लाभार्थी को दी जाती है। योजना का लाभ उसी लाभार्थी को दी जा सकती है जिसका घर कच्चा बना हो और सालाना आय एक लाख रुपए से ज्यादा न हो। लेकिन सत्यापन के दौरान सचिवों ने खेल कर दिया। पक्के मकान वाले अमीरों को आवास दे दिए।

शासन ने जिलों की जारी की लिस्ट
अपात्र लाभार्थियों के बैंक खातों में आवास की रकम ट्रांसफर कर दी गई। जब विभाग ने जांच कराई तो अपात्र पकड़े गए। हाल ही में शासन ने अपात्र लाभार्थियों को आवास देने वाले लापरवाह जिलों की लिस्ट जारी की है। जिसमें ये खुलासा हुआ है।