पश्चिम की पिच पर पीएम मोदी लगाएंगे चुनावी मास्टर स्ट्रोक, जनसंवाद से चली चुनावी हवा

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(www.arya-tv.com) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनूठे जनसंवाद से नई चुनावी हवा चल पड़ती है। नए साल में मोदी पश्चिमी उप्र की राजनीतिक पिच से मास्टर स्ट्रोक लगाकर चुनावी रणनीति की दिशा बदल सकते हैं। गोरखपुर से नोएडा तक सूबे के हर छोर को नाप चुके मोदी मेरठ-मुजफ्फरनगर की संयुक्त रैली में बड़ा संदेश देंगे। भाजपा को उम्मीद है कि मोदी की रैली से सपा-रालोद गठबंधन की गाठें ढीली पड़ेंगी, वहीं भाजपा की किसानों और ओबीसी वोट बैंक पर पकड़ बढ़ जाएगी।

काशी में ध्यान, जेवर से उड़ान

उत्तर प्रदेश के चुनावी समर में राजनीतिक पारा आसमान पर है। भाजपा एक बार फिर मोदी फैक्टर से सूबे में जीत की पटकथा पर काम कर रही है। सात दिसंबर को गोरखपुर में रैली से अब तक मोदी आठ बार यूपी आ चुके हैं। पूर्वांचल और मध्य यूपी में पार्टी की चुनावी ताकत बढ़ाने के बाद अब पश्चिम उप्र की बारी है। गत दिनों मोदी ने नोएडा में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास कर विकासवादी एजेंडे को धार दी, वहीं पूरब में काशी विश्वनाथ कोरीडोर बनाकर देशवासियों से धार्मिक और भावनात्मक तार जोड़ा।

दो जनवरी 2022 को मोदी मेरठ के सलावा में खेल विवि का शिलान्यास करेंगे, जहां 25 हजार से ज्यादा खिलाडिय़ों का संगम होगा। राजनीति के जानकारों का कहना है कि खेल और खिलाड़ी के इसी माहौल के बीच से मोदी का सियासी मास्टर स्ट्रोक निकलेगा। हाल के दिनों में गृहमंत्री अमित शाह, सीएम योगी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी पश्चिमी उप्र को मथा है।

किसानों को साधेंगे, नए तेवर भी दिखेंगे

पश्चिमी उप्र की राजनीतिक हवा 2013 से बदली, और 2014, 2017 और 2019 में भाजपा को प्रचंड जीत मिली। लेकिन दो साल पहले से कोरोना का ग्रहण और किसान आंदोलन से पार्टी की चुनौती बढ़ी हैं। पंचायत चुनावों में भाजपा की जमीन हिलती नजर आई। हालांकि केंद्र सरकार ने कृषि कानून वापस ले लिया, लेकिन इसका फायदा भाजपा को मिलेगा, इसे लेकर पार्टी में असमंजस है।

पार्टी की धड़कन भांपते हुए मोदी इस नब्ज को जरूर छुएंगे। प्रदेश में सपा-रालोद गठबंधन के चलते भाजपा मोदी मैजिक पर ज्यादा निर्भर हो गई है। इसी क्रम में मोदी ने मेरठ के सोतीगंज में वाहनों के कटान का मुद्दा छेड़कर पारा चढ़ा दिया। पश्चिमी उप्र में पलायन, अपराध नियंत्रण और कांवड़ यात्रा समेत कई मुद्दे नई तरंग पैदा कर सकते हैं।