बदहाली और मच्‍छरों के प्रकोप से परेशान लोग श्रीनगर से पलायन काे मजबूर, जानें क्या है पूरा मामला

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(www.arya-tv.com) श्रीनगर नाम सुनते ही खूबसूरत वादी, झील और ठंडी हवाओं का एहसास होता है। लेकिन, अलीगढ़ के मोहल्ला श्रीनगर में चले जाएं तो पुन: यहां आने का मन नहीं करेगा। हालत ही कुछ ऐसी है इस मोहल्ले की।

बदहाल गलियां, जलभराव और मच्छरों के प्रकोप के चलते लोग पलायन करने को मजबूर हैं। लोगों का कहना है कि ये मोहल्ला नगर निगम की सीमा में आता है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ नहीं है। अधिकारी भी यहां समस्याएं देखने नहीं आते। कई बार शिकायत की जा चुकी है, मगर संज्ञान नहीं लिया जा रहा। विभागीय अधिकारी बजट का अभाव बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं।

चार साल पहले नगर निगम की सीमा में हुआ शामिल

एटा चुंगी बाईपास स्थित नई आबादी श्रीनगर चार साल पहले ही नगर निगम सीमा में शामिल हुआ है। क्षेत्रीय लोगों का लगा कि निगम की सीमा में आने के बाद वो तमाम सहुलियतें मिलेंगी और शहरवासियों को मिलती हैं। लेकिन, ऐसा कुछ हुआ नहीं। गलियां कच्ची हैं, नालियां तक नहीं बनाई गईं। कूड़ा उठाने सफाई कर्मचारी नहीं आते। गंदगी के चलते मच्छरों का प्रकोप है।

संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है। क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि डेढ़ माह पूर्व बारिश के दौरान अलीगढ़ ड्रेन कट गया था, तब पूरा इलाका जलमग्न हो गया। तब निगम अधिकारी पहुंचे थे और पंप के जरिए पानी निकलवाया। अधिकारियों ने कहा था कि जल्द ही क्षेत्र की समस्याओं का निस्तारण कराया जाएगा। लेकिन, फिर कोई अधिकारी यहां हाल जानने नहीं पहुंचा।

निकासी न होने से घरों से निकला पानी गलियाें में भरा रहता है। पेयजल आपूर्ति के कोई प्रबंध नहीं किए गए। हैंडपंप भी खराब पड़े हैं। ऐसी स्थिति में यहां रहना मुश्किल हो रहा है। समस्याएं दूर न हुईं तो दूसरे किसी इलाके में घर तलाशेंगे। लोगों का कहना है कि नालियां ही बना दी जाएं तो जलनिकासी हो जाए।

बारिश के दिनों में हालात और बुरे हो जाते हैं। अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार गुप्त ने बताया कि श्रीनगर की समस्याएं संज्ञान में हैं। जल्द ही सभी समस्याओं का निस्तारण कराया जाएगा। सड़क, नालियों का निर्माण होगा। पेयजल आपूर्ति के भी प्रबंध किए जाएंगे।