मनरेगा में रूका हुआ भुगतान होगा जल्द, कैबिनेट मीटिंग का निर्णय

Prayagraj Zone UP

फतेहपुर।(www.arya-tv.com) श्रमिकों के भुगतान में लेटलतीफी के कारण साल में सौ दिन रोजगार की गारंटी देने वाली मनरेगा योजना अपने उद्देश्य से भटक गई है। अकेले फतेहपुर जिले में पिछले चार साल से 30 हजार से ज्यादा श्रमिकों का सवा करोड़ रुपये बकाया है। इसी के चलते जॉबकार्ड धारकों ने मनरेगा में काम करना बंद कर दिया है। हालांकि बुधवार को कैबिनेट की मीटिंग में मनरेगा का भुगतान जल्द किए जाने का निर्णय लिए जाने के बाद श्रमिकों के एक बार फिर उम्मीद जागी है।

कैबिनेट ने 15 दिन के अंदर श्रमिकों का भुगतान किए जाने के निर्देश दिए हैं। इससे अधिक विलंब पर अधिकारियों पर आर्थिक दंड लगाने की चेतावनी दी है। जिले की आठ सौ से अधिक ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत शुरू कराए गए कार्यो में दो हजार से अधिक काम ऐसे हैं जो बीच में ही बंद कर दिए गए। अधिकारियों के दबाव में प्रधानों ने नाला निर्माण, चकरोड निर्माण समेत अन्य काम शुरू तो करा दिए, लेकिन जब मजदूरों के खाते में मेहनताना नहीं गया तो उन्होंने काम बंद कर दिया।

बहुआ ब्लाक के श्रमिक रामसनेही, कमला देवी ने बताया कि गर्मी के महीने में बीस दिन तालाब खुदाई का कार्य किया। भुगतान नहीं मिला तो शहर में मजदूरी करना ही ठीक समझा। कम से कम वहां रोज पैसे तो मिल जाते हैं। सिर्फ यही दो नहीं बल्कि तीस हजार से ज्यादा श्रमिकों की यही पीड़ा है। पिछले चार साल से इनका सवा करोड़ रुपये बकाया है। यह है बकाया मजदूरी का विवरण