रोज याद रखने होते हैं 12 से 14 पासवर्ड; डेटा चोरी होने से कैसे बचाएं, जानिए सबकुछ

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(www.arya-tv.com)’खाली दिमाग शैतान का घर’ ये कहावत आज की पीढ़ी पर शायद ही लागू होती हो। क्योंकि अब लोगों के दिमाग में एक-दो नहीं बल्कि दर्जनों पासवर्ड सेव होते हैं। ये वो पासवर्ड होते हैं जो डेली लाइफ का हिस्सा बन चुके हैं। यानी जीमेल से लेकर बैंक और यूपीआई ट्रांजैक्शन सभी में कम से कम एक पासवर्ड की जरूरत होती ही है। आपको शायद यकीन न हो, लेकिन एक यूजर को 12 से 18 पासवर्ड तक याद रखने होते हैं।

आपके दिमाग में कितने पासवर्ड सेव हैं? शायद तुरंत इसे आप गिन भी न पाएं। इसके लिए आप अपने फोन के उन ऐप्स को काउंट करें, जिनमें पासवर्ड सेट किया गया है। इसका रिजल्ट आपको चौंका भी सकता है। तो चलिए आज हम इसी पासवर्ड से जुड़े तमाम पहलुओं की बात करते हैं…

सबसे पहले जानिए पासवर्ड क्या है?
जो आपके डेटा, डिवाइस या किसी भी एलीमेंट को प्रोटेक्ट करता है, वही पासवर्ड होता है। पहले पासवर्ड सिर्फ नंबर्स या अल्फाबेट ही होते थे, लेकिन टेक्नोलॉजी की स्तर से इसमें आपकी फिंगर, फेस और आंखें भी शामिल हो चुकी हैं। वहीं, पैटर्न, फोटोज, पिन, बायोमैट्रिक भी पासवर्ड का हिस्सा बन चुके हैं। पासवर्ड के फॉर्मेट अलग-अलग हो सकते हैं…

पासवर्ड का इस्तेमाल कहां-कहां हो रहा है?
इसका पहला जवाब है स्मार्टफोन। फोन में डेटा जरूरी हो या न हो, लेकिन पासवर्ड की शुरुआत यहीं से हो जाती है। इसके साथ, फोन में इस्तेमाल होने वाले जीमेल अकाउंट, सोशल मीडिया (वॉट्सऐप, फेसबुक, सिग्नल, ट्विटर आदि) और अलग-अलग ऐप्स, गैलरी में पासवर्ड का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे, बैंकिंग, UPI, रेल, सोशल मीडिया या अन्य ऐप्स में भी पासवर्ड का इस्तेमाल किया जाता है। उमंग और डिजी लॉकर जैसे सरकारी ऐप्स के साथ LIC, गैस बुकिंग, OTT ऐप्स भी पासवर्ड प्रोटेक्टेड होते हैं।

हम कितने पासवर्ड याद कर सकते हैं?
इस सवाल का जवाब आप खुद से भी पूछ सकते हैं? डेली इस्तेमाल होने वाले पासवर्ड जैसे इंटरनेट बैंकिंग, ऑनलाइन बैंकिंग, फोन, सोशल ऐप्स, जीमेल को हम याद रखते हैं। लेकिन कई ऐप्स या प्लेटफॉर्म ऐसे भी होते हैं जहां पर एक बार लॉगइन करके हम पासवर्ड भूल जाते हैं। पासवर्ड मैनेजर नॉर्डपास की तरफ से फरवरी 2020 में किए गए सर्वे के अनुसार, एक सामान्य यूजर के पास 100 पासवर्ड होते हैं। अच्छी बात ये है कि एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर जब हम किसी ऐप का पासवर्ड डालते हैं तब वो उसे सेव करने का विकल्प देता है। इससे उसे याद करने का झंझट खत्म हो जाता है। वैसे, किसी डायरी या दूसरी सुरक्षित जगह पर भी लोग अपने पासवर्ड को लिखकर सेव कर लेते हैं।

हम एवरेज कितने पासवर्ड यूज कर रहे?
एक्सपर्ट के मुताबिक, लोग ज्यादातर पासवर्ड का इस्तेमाल अपने स्मार्टफोन में ही कर रहे हैं। फोन को अनलॉक करने से लेकर कुछ जरूरी ऐप्स को अनलॉक करने तक दिनभर में दर्जनभर या उससे थोड़े ज्यादा पासवर्ड का इस्तेमाल करते हैं। इसके साथ, जो यूजर्स लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं वे भी लॉगइन के लिए पासवर्ड का यूज करते हैं।

ये बात सही है कि स्मार्टफोन के आने से पासवर्ड की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है, क्योंकि फोन के साथ ऐप्स को भी पासवर्ड से प्रोटेक्ट करने का ऑप्शन मिल जाता है। हालांकि, जब लोगों के पास फीचर फोन हुआ करता था तब उसमें सिर्फ की-पैड लॉक होता था। इसे नंबर्स की मदद से प्रोटेक्ट करते थे। इसके अलावा, फोन की फोटो गैलरी, कॉन्टैक्ट या डायल को भी लॉक कर सकते थे। कुल मिलाकर 4 से 5 पासवर्ड में काम चल जाता था।

सिक्योर पासवर्ड बनाने में ध्यान रखें

  • पासवर्ड में कम से कम 10 से 15 कैरेक्टर का इस्तेमाल करें।
  • इसमें अल्फाबेट के साथ नंबर्स का भी इस्तेमाल करें।
  • पासवर्ड में एक अल्फाबेट कैपिटल जरूर रखें।
  • स्पेशल कैरेक्टर जैसे ! @ # $ % ^ & * ) का भी यूज करें।
  • समय-समय पर अपना पासवर्ड बदलते भी रहें।
  • जहां मुमकिन हो पासवर्ड को OTP से भी प्रोटेक्ट करें।

पासवर्ड बनाने में क्या-क्या गलतियां न करें

  • आसान शब्दों वाला पासवर्ड नहीं बनाएं।
  • पासवर्ड में 8 से कम कैरेक्टर का यूज नहीं करें।
  • पासवर्ड में अपने नाम, बर्थ डेट का इस्तेमाल नहीं करें।
  • अपने यूजर नेम को भी पासवर्ड नहीं बनाएं।
  • पासवर्ड कभी किसी से पूछकर नहीं बनाएं।

लोग कॉमन पासवर्ड कितना यूज करते हैं?
जिन प्लेटफॉर्म पर हमें कम काम होता है, लेकिन वहां पर पासवर्ड डालना भी जरूरी होता है, तब ज्यादातर यूजर्स कॉमन पासवर्ड का इस्तेमाल करते हैं। ये पासवर्ड उनके नाम, डेट ऑफ बर्थ, कोई नंबर का बना लेते हैं। इसमें 123456, ABCD, ABC@123, Name@123 जैसे शामिल होते हैं। वहीं, कई लोग माता-पिता या बच्चे के नाम, बोलचाल के शब्दों, तकिया कलाम, मूवी या सॉन्ग को भी पासवर्ड बना लेते हैं।

यही वजह है कि इस तरह के कॉमन पासवर्ड सबसे ज्यादा चोरी भी होते हैं। हैकर्स ऐसे पासवर्ड को एक सेकेंड से भी कम समय में क्रैक कर देते हैं। इसलिए इस तरह के पासवर्ड बिल्कुल भी ना बनाएं।

अब पासफ्रेज का इस्तेमाल कर रहे यूजर
कई यूजर अपने डेटा और डिवाइस को प्रोटेक्ट करने के लिए अब पासवर्ड की जगह पासफ्रेज का इस्तेमाल कर रहे हैं। दूसरे पासवर्ड की तुलना में इन्हें बनाना आसान, लेकिन क्रेक करना मुश्किल हो जाता है। खास बात है कि अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर इसका पासवर्ड बनाना और याद रखना आसान होता है। उदारहण से समझिए…

मान लीजिए आप भोपाल में रहते हैं। तब आपने I live in bhopal में से सभी के पहले शब्द यानी Ilib को ले लिया। अब इसमें जीमेल के हिसाब से g या फेसबुक का f या किसी दूसरे ऐप का पहला शब्द ले लिया। साथ ही हमेशा याद रखने वाले नंबर्स भी जोड़ दिए। इसमें आपकी डेट ऑफ बर्थ या ईयर शामिल हो सकता है। तब आपका जीमेल का पासवर्ड Ilibg2015 या फेसबुक का पासवर्ड Ilibf2015 हो सकता है। इसी तरह आप पासफ्रेज बना सकते हैं।