(www.arya-tv.com) अयोध्या का जिला महिला में जिम्मेदारी बड़ी उदासीनता सामने आ रही है। डॉक्टर से लेकर कर्मचारी तक की मनमानी चल रही है। जिसका फायदा दलाल उठा रहे हैं। यही कारण है कि यह अस्पताल अब दलालों का अड्डा बन गया है। कई मामले आ जाने के बाद भी जिले के स्वास्थ्य विभाग अधिकारी कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं।
ओपीडी से लेकर वार्ड तक विभिन्न नर्सिंग होम से जुड़े दलाल घूमते नजर आ रहे है। जो भोले-भाले मरीजों को बेहतर व सस्ते इलाज का झांसा देकर संबंधित नर्सिंग होम तक पहुंचाते हैं।
पूर्व के कई मामलों में महिला अस्पताल से ही मरीजों के निजी नर्सिंग होम में पहुंचने की पुष्टि हुई है। इसके बाद भी दलाली प्रथा पर अंकुश लगाने के लिए ठोस पहल नहीं हो रही है।
जिला महिला अस्पताल की ओपीडी से लेकर वार्डों तक फैले दलालों के मकड़जाल में फंसकर आए दिन भोले-भाले मरीजों का शोषण हो रहा है। धन के साथ-साथ उन्हें जनहानि भी उठाना पड़ रहा है।
नवाबगंज गोंडा के राहुल श्रीवास्तव पत्नी को लेकर महिला अस्पताल ही ले गए। करीब 5 घंटे तक अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद पत्नी का सही से इलाज नहीं हो सका । पत्नी के इलाज के लिए राहुल Hडॉक्टर की केबिन से लेकर नर्स के हाथ क्यों जोड़ते हैं। लेकिन पत्नी का सही से इलाज नहीं हो रहा। जिसका फायदा दलालों ने उठाया।
सस्ते इलाज का फायदा दिखाकर अस्पताल में कराया भर्ती
राहुल को इस दौरान सुमित नाम के एक व्यक्ति से हुई। वह शहर के एक निजी अस्पताल का दलाल है। बातों ही बातों में अस्पताल से ले जाकर बाहर इलाज करने के लिए कहां। जब उन्होंने अच्छे अस्पताल के बारे में बात किया तो उसने एक अस्पताल का नाम बताया। इतनी ही देर में एक एंबुलेंस बुलाकर मरीज को बुलाकर देवांश अस्पताल में भर्ती कर दिया। राहुल ने बताया कि निजी अस्पताल में करीब 50 हजार खर्च आया।
16 स्थान पर सीसीटीवी कैमरे, पर निगरानी को कोई नहीं
महिला अस्पताल में ओपीडी से लेकर वार्ड तक 16 अलग-अलग स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। एक ही चेहरे प्रतिदिन ओपीडी से लेकर वार्ड व विभिन्न जांच केंद्रों पर मंडराते नजर आते हैं, जो कि सीसीटीवी में कैद भी होते हैं। इसके बावजूद उनके सत्यापन व धरपकड़ के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। जर्नी इन कैमरा की निगरानी के लिए विभाग के पास कोई कर्मचारी ही नहीं है। लेकिन विभाग के गांव की बात करें तो इन कैमरा की निगरानी करने वाले कर्मचारी और अधिकारी भी संदिग्ध के घेरे में है। फिरता का आरोप है कि अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्त से ही यहां दलालों का आधिपत्य बना हुआ है।