(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश में निजी ITI संस्थानों में छात्र-छात्राएं कम रुचि दिखा रहे हैं। इसके कारण आईटीआई संस्थान वाले खाली बैठे हैं। बताते चलें कि इस वर्ष पूरे प्रदेश में आईटीआई की 4 लाख सीटें थी, मगर अभी तक मात्र 16000 लोगों ने ही आवेदन किया है, जबकि प्रवेश की अंतिम तिथि 3 जुलाई है। यानी कि इस वर्ष लगभग 96 प्रतिशत सीटें खाली रहने का उम्मीद है।
2905 है निजी संस्थान
व्यवसायिक शिक्षा परिषद के संयुक्त निदेशक राहुल देव ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 2905 निजी आईटीआई संस्थान है। इनमें 4,09,468 सीटें हैं। यहां पर कुल 51 तरह के ट्रेडों में छात्रों को प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें छात्र-छात्राएं अपना सुनहरा भविष्य तलाश सकते हैं। इसके लिए प्रवेश प्रक्रिया 9 जून से शुरू हो गई थी, लेकिन इस वर्ष छात्र-छात्राओं ने इसमें बहुत कम रुचि दिखाई है। लगभग 1 माह के अंदर मात्र 16000 लोगों ने आवेदन किए हैं।
राजकीय आईआईटी में हो रहे प्रवेश
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में लगभग 305 राजकीय आईटीआई हैं। इनमें 120967 सीटें हैं। अभी तक इसमें करीब 80% से ज्यादा लोगों ने आवेदन कर दिए हैं। इन संस्थानों में लगभग 70 ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जाता है। माना जा रहा है कि निजी आईआईटी में प्लेसमेंट मिलने की संभावना कम रहती है। इसके कारण छात्र छात्राएं राजकीय आईटीआई संस्थानों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। बहुत से युवा ऐसे हैं, जिन्होंने निजी आईटीआई से सर्टिफिकेट प्राप्त किया है लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिल रही है।
निजी संस्थानों में अधिक फीस
निजी आईआईटी संस्थानों की फीस लगभग 20,000 रुपये के आसपास आती है, लेकिन राजकीय आईआईटी संस्थानों में मात्र 480 रुपये फीस देनी पड़ती है। इसके अलावा कोई भी फीस जमा नहीं होती है। यहीं कारण छात्र-छात्राएं निजी संस्थानों की तरफ कम रुख करते हैं
