ईरान और आईएईए के बीच परमाणु समझौते से बड़ा संकट टला, अमेरिका और ईरान के मध्य शुरु हो सकती है परमाणु वार्ता

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(www.arya-tv.com) ईरान और संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेंसी- आईएईए- के बीच आखिर वक्त पर समझौता हो जाने से एक बड़ा टकराव फिलहाल टल गया है। साथ ही इसके साथ ये उम्मीद बनी है कि ईरान और अमेरिका के बीच ठहरी परमाणु वार्ता फिर से शुरू हो जाएगी। ये वार्ता पिछले कई महीनों से गतिरोध का शिकार है। इसके लिए दोनों पक्षों ने एक दूसरे को दोषी ठहराया है।

ईरान अब इस बात पर राजी हो गया है कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) अपने निगरानी उपकरण ईरान के परमाणु संयंत्र स्थलों पर लगाए रखेगी। इस मसले पर ईरान और आईएईए के बीच गतिरोध बना हुआ था। ईरान और आईएईए दोनों ने इस मसले पर अपने रुख में लचीलापन दिखाया। इससे समझौते की राह निकली। ईरान इस बात पर राजी हुआ कि वह अपने परमाणु स्थलों पर आईएईए को निगरानी कैमरे लगाने देगा। जबकि आईएईए इस बात पर राजी हुआ कि वह ईरान के परमाणु पर लगाए गए कैमरों की रिकॉर्डिंग नहीं मांगेगा। यानी इस मामले में पुरानी व्यवस्था ही लागू रहेगी।

ईरान और आईएईए के बीच जारी गतिरोध के कारण ईरान और अमेरिका के बीच वार्ता भी रुक गई थी। ये वार्ता 2015 में हुए ईरान परमाणु समझौते में अमेरिका की वापसी के मकसद से शुरू हुई थी। ईरान परमाणु समझौता तब हुआ था, जब बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति थे। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने देश को 2018 में इस समझौते से निकाल लिया। जो बाइडन ने पिछले राष्ट्रपति चुनाव के दौरान वादा किया था कि चुनाव जीतने पर वे अमेरिका को इस समझौते में वापस लाएंगे। लेकिन उनके राष्ट्रपति बनने के नौ महीनों के बाद भी अमेरिका इसमें दोबारा शामिल नहीं हुआ है।

आईएईए के प्रमुख रफायल ग्रोसी रविवार को तेहराऩ पहुंचे थे। उसके पहले ईरान और आईएईए के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। मीडिया में ये चर्चा थी कि वार्ता टूट गई है। लेकिन ग्रोसी की ईरान यात्रा कामयाब रही। इसी दौरान ये सहमति भी बनी कि दोनों पक्ष वियना में बातचीत जारी रखेंगे। तेहरान में ग्रोसी की बातचीत ईरान की परमाणु एजेंसी के नव-नियुक्त प्रमुख महोम्मद इस्लामी से हुई।

दोनों पक्षों में सहमति बनने के बाद ग्रोसी और इस्लामी ने तेहरान में एक साझा प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। उसमें ग्रोसी ने कहा- ‘आज हम बहुत ठोस नतीजा हासिल करने में सफल रहे हैं। इसके तहत ईरान के परमाणु केंद्रों पर आईएईए के उपकरण लगे रहेंगे। ये उपकरण आईएईए और बाकी दुनिया को ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में ठोस सूचना के लिए अनिवार्य हैं।’

इसके पहले बातचीत टूटने की आशंका गहराने पर ईरान के नए राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को फोन किया था और उनसे वार्ता को बचाने की अपील की थी। पर्यवेक्षकों का कहना है कि ईरान और आईएईए के बीच सहमति बन जाने से सारी दुनिया को राहत मिली है। वरना, इस पूरे इलाके में टकराव एक नई ऊंचाई तक पहुंच जाता।

ये व्यवस्था पहले से है कि ईरान के परमाणु केंद्रों पर आईएईए के कैमरों से होने वाली रिकॉर्डिंग के वीडियो ईरान अपने पास रखता है। आईएईए के निरीक्षक ईरान जाकर उन वीडियो की समीक्षा करते हैं। तनाव इसलिए पैदा हुआ, क्योंकि ईरान ने कहा कि अगर जब तक 2015 का समझौता दोबारा लागू नहीं हो जाता, वह रिकॉर्डिंग रोक देगा। अब ये संभावना टल गई है।