(www.arya-tv.com) स्कूलों में बच्चों का जो कुछ पढ़ाया जाता है उसका उन पर क्या प्रभाव पड़ता है उनमें कितनी समझ आती है तथा बच्चों और स्कूल की उपलब्धियां क्या है इन सब जांच होंगी इस तरह के तमाम सवालों का जवाब 12 नवंबर को निकालने की कोशिश होगी। भारत सरकार की ओर से नेशनल एजुकेशन सर्वे यानी राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण-2021 की जिम्मेदारी इस बार सीबीएसई को दी गई है। सीबीएसई की ओर से 12 को मेरठ में सीबीएसई और यूपी बोर्ड के 233 विद्यालयों के साथ ही देश भर के स्कूलों में यह सर्वेक्षण होगा।
चार कक्षा के बच्चों की होगी परख
एनएएस राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित एक नमूना आधारित सर्वेक्षण है जिससे शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए एक प्रामाणिक आकड़ों का विस्तृत आधार उपलब्ध होता है। एनएएस-2021 में कक्षा तीन, पांच, आठ और 10वीं के छात्र-छात्राओं का अधिगम यानी लर्निग स्तर जानने के लिए पूर्व चयनित सैंपल स्कूलों में 12 नवंबर को होगा।
इस बाबत भारत सरकार की ओर से ही स्कूलों को चयनित किया गया है। इसके लिए जिले में सीबीएसई ने एक जिला समन्वयक और करीब तीन सौ आब्जर्वर नियुक्त किए हैं। तकरीबन इतने ही फील्ड आफिसर यूपी बोर्ड के स्कूलों से भी नियुक्त किए गए हैं।
एक कक्षा से कुछ ही बच्चों का होगा चयन
एनएएस के लिए चयनित 233 स्कूलों में निर्धारित चारों कक्षाओं से हर बच्चे को इस टेस्ट में शामिल नहीं किया जाएगा। बच्चों के चयन के लिए निर्धारित मानकों के अनुरूप विभिन्न कक्षा से कुछ बच्चों को चुनेंगे। 90 मिनट का टेस्ट होगा जिसमें बच्चों के शिक्षा के स्तर के अनुरूप उनकी समझ को परखने की कोशिश होगी। बच्चों का चयन सीधे कक्षा में पहुंचकर होगा जिससे स्कूलों को अपने अच्छे बच्चों को ही आगे बढ़ाने का अवसर नहीं मिलेगा।
इनका कहना-
यह राष्ट्रीय स्तर का सर्वेक्षण है जिसमें सीबीएसई व यूपी बोर्ड के बच्चों को शामिल किया जाएगा। इसमें शिक्षा विभाग, डायट, स्कूल आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी जिससे सर्वेक्षण को बेहद सटीक तरीके से किया जा सके।
-गिरजेश कुमार चौधरी, जिला विद्यालय निरीक्षक, मेरठ बच्चों की समझ परखने के लिए आयोजित इस परीक्षा की तैयारी से संबंधित 11 नवंबर को एक बैठक होगी जिसमें सभी पक्षों को इस सर्वेक्षण से संबंधित विस्तृत जानकारी दी जाएगी।