((www.arya-tv.com) 19 अप्रैल, रात 11 बजे खबर आई कि 20 अप्रैल की सुबह दिल्ली के जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाए जाने की कार्रवाई होनी है। हां, वही जहांगीरपुरी जहां हनुमान जयंती की शोभायात्रा के दौरान पत्थरबाजी और हिंसा हुई। खबर आने के बाद ही हर किसी के जहन में UP और MP वाले तोड़फोड़ करते हुए बुलडोजर की तस्वीरें आने लगीं। हुआ भी कुछ ऐसा ही। सुबह 10 बजे बुलडोजर की एंट्री हुई और वही हुआ जिसका अनुमान था।दूर-दूर तक पुलिस का तगड़ा बंदोबस्त, मीडिया का भारी जमावड़ा और सैकड़ों कैमरों के बीच हुई बुलडोजर की भव्य एंट्री। बुलडोजर को मिली एकदम सेलिब्रिटी वाली एंट्री, लेकिन इसके बाद चंद मिनट गुजरे और कई लोगों की सालों की कमाई, रोजगार और जिंदगी बुलडोजर ने रौंद दी। जिस बुलडोजर को चलता देख हमें बहुत मजा आता है, वही बुलडोजर कई लोगों के लिए ना भुलाया जा सकने वाला सदमा दे गया।
‘टीवी पर फिल्म चलाने के लिए मेरी गुमटी ही मिली थी तोड़ने?’
माथे पर तिलक, लड़खड़ाती हुई जबान और चेहरे पर सब कुछ लुट जाने का दर्द। ये हैं रमन झा, उम्र 52 साल। मूल रूप से बिहार के रहने वाले रमन पिछले 35 साल से जहांगीरपुरी के कुशल चौक पर पान की दुकान की गुमटी लगा रहे थे। 20 अप्रैल की सुबह सोकर उठे तो पता चला कि आज उनके मोहल्ले में बुलडोजर चलने वाला है।
सुबह 10 बजे अपनी नीले रंग की गुमटी के पास पहुंचे तो आंखों के सामने बुलडोजर से अपनी गुमटी का कचूमर बनते देखा। एक झटके में झा जी का 60 हजार रुपए का नुकसान हो गया।
रमन झा की गुमटी ठेलानुमा थी, जिसमें चक्के लगे हुए थे। रमन को इसी बात का दुख है कि उन्हें एक बार भी कोई नोटिस या सूचना नहीं दी गई। वो चीखते हुए कहते हैं ‘चक्के वाली रेहड़ी पर कभी बुलडोजर चलते देखा है? मैं जब दिल्ली आया था तब मेरी मूंछ नहीं थी, यहीं रेहड़ी लगाते हुए मूछें पक गईं।’ रमन को इसी बात की चिंता है कि अब उनकी पत्नी संजू और 5 बच्चों वाले परिवार का पेट कैसे पलेगा।
टूटी हुई दुकान के बीच सिक्के बीनते बच्चे की फोटो इमोशनल कर गई
रमन झा के ठीक पड़ोस में है अकबर की कोल्ड ड्रिंक की दुकान। जब बुलडोजर चला तो आव देखा ना ताव। बुलडोजर ने अपना पंजा सीधे दे मारा अकबर की दुकान पर और अंदर रखे दो फ्रिज और कोल्ड ड्रिंक की बोतलें चकनाचूर हो गईं। अकबर की पत्नी रहीमा का रो-रोकर बुरा हाल है। रहीमा ने हमें MCD का दिया हुआ वेंडिंग सर्टिफिकेट दिखाया। रहीमा और अकबर के पीछे तीन बच्चे हैं। अकबर का बेटा रहीम बुलडोजर चलने के बाद अपनी दुकान से बिखर गए सिक्के बीनने लगा।
अकबर बताते हैं कि उन्होंने अपनी पत्नी रहीमा के नाम पर 2 लाख रुपए का लोन लिया था, इसी से उन्होंने अपनी कोल्ड ड्रिंक की दुकान में चार चांद लगाए थे। अभी भी इस लोन की 5-6 किस्तें बाकी हैं, लेकिन अब दुकान बुलडोजर ने रौंद दी है। अकबर को भी सरकार की तरफ से कोई नोटिस नहीं मिला।
अकबर कहते हैं ‘दंगा कोई और करे और भरपाई हम करें? समझ नहीं आ रहा कि मैं आत्महत्या करूं या क्या करूं?’ अकबर का भी वही कहना है कि जो रमन झा ने कहा, ‘अगर हमें बता देते कि हमारी दुकान टूटने वाली है तो हम इस कदर बर्बाद ना होते।’
करीब 11 बजे सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका था। कोर्ट ने फैसले में कहा था कि यथास्थिति बरकरार रखी जाए और आगे कोई अतिक्रमण ना हटाया जाए, लेकिन इसके बावजूद बुलडोजर नहीं रुके और अतिक्रमण की तोड़फोड़ चलती रही।
जूस की दुकान वाले गुप्ता जी की दुकान भी बुलडोजर ने ना छोड़ी
चौराहे पर ही सड़क पार है गणेश गुप्ता की जूस की दुकान। गणेश कहते हैं कि ‘मेरी दुकान 1977 में DDA ने अलॉट की थी। जब MCD वाले बुलडोजर लेकर आए तो मैं सामने अपनी दुकान के कागज लेकर खड़ा था, लेकिन कोई कागज देखने को राजी तक नहीं था। मेरी दुकान जब टूटी उसके एक घंटे पहले सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर भी आ चुका था, लेकिन ये फिर भी नहीं माने।’
गणेश गुप्ता MCD को सालाना 4800 रुपए बतौर टैक्स भी देते हैं और उनके पास इसके कागजात भी हैं। बुलडोजर की कार्रवाई में गणेश का करीब 5 लाख का नुकसान हुआ है, उन्हें समझ नहीं आ रहा कि इसकी भरपाई कैसे होगी और कौन करेगा?
गणेश नाराजगी के साथ कहते हैं, ‘जब दंगा हो रहा था तो हमने अपनी दुकान बंद की और घर चले गए। हमारा तो हिंसा से कोई लेना-देना ही नहीं है, लेकिन अब हमें ही इसकी सजा भुगतनी पड़ रही है।’