किम जोंग ने कहा- देश में क्वारैंटाइन नियम लागू करने में अफसरों ने लापरवाही बरती

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(www.arya-tv.com)क्या संक्रमण के डर से अपने बॉर्डर सील करने वाला और सख्त प्रतिबंध लागू करने वाला उत्तर कोरिया भी महामारी की चपेट में है? ये सवाल उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग के बयान के बाद जोर पकड़ चुका है। किम ने स्पष्ट शब्दों में तो ये नहीं कहा कि देश में कोरोना संकट है, पर कहा कि बड़ा संकट खड़ा हो गया है।

उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी ने किम का बयान जारी किया है। इसमें किम ने कहा कि देश में लंबे समय से जारी प्रतिबंधों के सिलसिले में अधिकारियों ने अहम फैसले लागू करने में लापरवाही बरती। इससे देश और जनता की सुरक्षा निश्चित करने में बड़ा संकट खड़ा हो गया है। किम के बयान में किसी घटना का जिक्र नहीं किया गया है और न ही ये बताया गया है कि संकट किस तरह का है।

बेहद सख्त कदमों से इकोनॉमी बिगड़ी, खाने की भी किल्लत
किम ने कहा कि अधिकारियों की लगातार लापरवाही और काबिलियत में कमी के चलते संकट पैदा हुआ है। इसके चलते हमारे विकास और क्रांतिकारी कामों को बड़ा नुकसान पहुंचा है और उनमें रुकावट आई है। बता दें कि नॉर्थ कोरिया ने अब तक ये स्वीकार नहीं किया है कि उसके यहां कोरोना का एक भी केस है।

हालांकि, अमेरिका और जापान ने कहा है कि उत्तर कोरिया ने क्वारैंटाइन के लिए बेहत सख्त कदम उठाए हैं। इसके चलते इकोनॉमी पर संकट खड़ा हो गया है। उसने अपने सबसे बड़े ट्रेड पार्टनर चीन के साथ भी बॉर्डर बंद कर दिया है। एक्सपर्ट का मानना है कि कोरोना के चलते संसाधनों की कमी वाले उत्तर कोरिया के सामने संकट खड़ा हो गया है। इसकी सीमित स्वास्थ्य सेवाएं कोरोना की एक लहर से ढह सकती हैं।

एक्सपर्ट बोले- कुछ कहना जल्दबाजी, पर खतरे में उत्तर कोरिया
साउथ कोरिया में यूनिफिकेशन स्ट्रैटजी स्टडीज प्रोग्राम के डायरेक्टर चिओंग-सिओंग चेंग ने कहा कि उत्तर कोरिया की सरकारी एजेंसी की रिपोर्ट के आधार पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन वहां टेस्टिंग किट और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है, ऐसे में उस पर महामारी का संकट है। इसलिए उत्तर कोरिया संक्रमण को बड़े खतरे के तौर पर देख रहा है, क्योंकि किम के शासन में वहां की इकोनॉमी वैसे ही बिगड़ चुकी है।

अभी तक उत्तर कोरिया ने वैक्सीन नहीं मंगाई
वैक्सीन अलायंस संस्था गावी ने कहा है कि अभी तक उत्तर कोरिया ने कोरोनावायरस की वैक्सीन नहीं मंगवाई है। संस्था ने कहा कि इस पर काम चल रहा है और उत्तर कोरिया से बातचीत जारी है। जापान की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मई में उत्तर कोरिया को एस्ट्राजेनका की 17 लाख डोज मिल जानी थी, पर उसने नियमों को मानने से इनकार कर दिया, इसके चलते डिलीवरी रुक गई। हालांकि, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के प्रोग्राम्स के तहत उत्तर कोरिया वैक्सीन पाने का हकदार है लेकिन वो हिचकिचाहट दिखा रहा है।