(www.arya-tv.com)नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आप जहां भी जाएंगे आपको ऊंची-ऊंची इमारतें नजर आएगी. जहां पर हजारों की संख्या में लोग अपने परिवारों के साथ रहते हैं, लेकिन इन सोसाइटियों में रहने वाले लोगों की जान पर हर वक्त खतरा बना रहता है. ये सोसाइटियां “द बर्निंग ट्रेन” की तरह बर्निंग सोसाइटियों में तब्दील हो सकती है. दरअसल, जनपद के दमकल विभाग द्वारा सभी हाईराइज सोसायटियों की जांच की गई और पाया गया कि करीब 357 हाईराइज सोसाइटियों में फायर फाइटिंग के कोई भी इंतजाम नहीं है. जिसको लेकर सभी को नोटिस जारी किया गया है. कुछ सोसायटियों के खिलाफ फायर विभाग द्वारा मुकदमा भी दर्ज कराया गया है. वहीं कुछ पर जुर्माना भी लगाया गया है.
जनपद के चीफ फायर ऑफिसर प्रदीप चौबे ने जानकारी देते हुए बताया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 15 मीटर से ऊंची करीब 357 हाईराइज सोसायटियों की जांच दमकल विभाग के कर्मियों द्वारा की गई. इन सभी में पाया गया कि यहां पर फायर फाइटिंग के कोई भी इंतजाम नहीं किए गए हैं. ऐसे में अगर कोई अग्निकांड यहां पर होता है तो किसी भी बड़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
75 हाईराइज सोसाइटियों पर मुकदमा दर्ज
चीफ फायर ऑफिसर प्रदीप चौबे ने बताया कि सभी 357 हाईराइज सोसायटियों को नोटिस जारी कर फायर फाइटिंग के इंतजामों को सही करने के निर्देश दिए गए. जिसमें से करीब 150 जगहों पर नोटिस दिए जाने के बाद फायर फाइटिंग के इंतजाम सही कर दिए गए. वहीं 75 हाईराइज सोसाइटियों के खिलाफ दमकल विभाग द्वारा न्यायालय में मुकदमा भी दर्ज कराया गया हैजिनमें से कुछ पर जुर्माना भी लगाया गया है. वहीं बची हाईराइज सोसाइटियों के खिलाफ दोबारा से नोटिस जारी किया जा रहा है. अगर नोटिस मिलने के बाद भी फायर फाइटिंग के इंतजाम सही नहीं कराए जाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी
अग्निकांड से हो सकता है बड़ा नुकसान
जनपद में चीफ फायर ऑफिसर प्रदीप चौबे ने बताया कि दमकल विभाग की जांच में पाया गया कि जिस वक्त इन हाईराइज सोसाइटियों में फायर की NOC ली गई. उस वक्त यहां पर फायर फायटिंग के इंतजाम सही थे. लेकिन समय के साथ-साथ सारे इंतजाम ध्वस्त हो गए और हाईराइज सोसाइटियों में उपकरणों की देखभाल नहीं की गई. जिसकी वजह से फायर फाइटिंग के सभी उपकरण खराब हो गए हैं. ऐसे में अगर किसी भी हाईराइज बिल्डिंगों में कोई अग्निकांड होता है तो हादसा कितना बड़ा हो सकता है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है.