(www.arya-tv.com) लिव-इन-पार्टनर की हत्याओं के कई मामले बीते दिनों में बढ़े हैं। दिल्ली, एनसीआर से लेकर मुंबई, बेंगलुरु तक। लगभग हर मेट्रो सिटी में इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं। अब हरियाणा में खाप पंचायतें इस मुद्दे को लेकर गंभीर हैं। जींद जिले के हैबतपुर गांव में इस मुद्दे को लेकर 10 सितंबर को पंचायत बुलाई गई है।
शनिवार को आयोजित एक बैठक में बांगर इलाके की खापों ने घोषणा की कि 10 सितंबर को जलालपुर काला गांव में एक महापंचायत आयोजित की जाएगी। महापंचायत में लिव-इन रिलेशनशिप और शादी के लिए माता-पिता की सहमति अनिवार्य करने के अलावा इससे संबंधित अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
खाप हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में जाति समूहों के लिए एक बोलचाल का शब्द है। खाप पंचायत के बाद खाप प्रमुखों ने कहा कि खापों के साथ जिले के सभी 306 ग्राम प्रधानों को एक संयुक्त ‘खाप पंचायत मंच’ स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा, जो क्षेत्र में सामाजिक संगठनों, खापों और पंच संघों का एक छत्र निकाय होगा।
महापंचायत के बाद बनेगी समिति
बांगर इलाके में हुई बैठक की अध्यक्षता गुरबिंदर सिंह संधू ने की। उन्होंने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर कानून खापों का सख्त होना जरूरी हो गया है। 14 गांव के अधिकार क्षेत्र वाली माजरा खाप के प्रवक्ता समुंदर फोर ने कहा कि सामाजिक बुराइयों के खिलाफ काम करने के संबंध में एक बड़ी घोषणा करने के लिए 10 सितंबर को एक संयुक्त गैर-राजनीतिक समिति का गठन किया जाएगा।
एक ही गांव में शादी के खिलाफ
समुंदर फोर ने कहा कि समिति क्षेत्र में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए जिला स्तर पर समन्वय करेगी। संधू ने कहा कि छत्र निकाय नशीली दवाओं के खतरे, दहेज और मृत्यु भोज (मृत्यु भोज) पर चर्चा करने के अलावा एक ही गांव या आसपास के गांवों में विवाह पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग करेगा।
‘जल्दबाजी में उठाया कदम जीवन कर रहा नष्ट’
गुरविंदर संधू ने कहा कि खाप लिव-इन रिलेशनशिप और प्रेम विवाह में माता-पिता के गवाह की मजबूरी बनाने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि युवा जल्दबाजी में कदम उठाते हैं जिससे बाद में उनका जीवन नष्ट हो जाता है।