नहीं बचेंगे निर्भया के कातिल

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(Arya Tv Lucknow): Praveen

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के निर्भया बलात्कार मामले में तीन दोषियों की मौत की सज़ा बरकरार रखी है। सोमवार को चीफ़ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने दोषी क़रार दिए गए अभियुक्तों मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए मौत की सज़ा को बरक़रार रखा है।

इस मामले के चौथे अभियुक्त अक्षय कुमार सिंह ने पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की थी , हालांकि उनके वकील ने कहा है कि वो याचिका दायर करेंगे.अपने फ़ैसले में बेंच ने कहा है कि दोषी फ़ैसले में कोई ग़लती बताने में नाकाम रहे हैं।

अदालत ने ये भी कहा कि याचिका पर सुनवाई के दौरान अभियुक्तों को अपनी बात रखने का पूरा मौक़ा दिया गया और अब इस फ़ैसले पर पुनर्विचार की ज़रूरत नहीं है।

हाईकोर्ट ने सुनाई थी मौत की सज़ा

बीते साल सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट और ट्रायल कोर्ट की ओर से सुनाई गई मौत की सज़ा को बरक़रार रखा था।

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील एम एल शर्मा और एपी सिंह ने पुलिस के सबूत जुटाने के तरीके पर सवाल उठाए थे जिनको दिल्ली पुलिस ने निराधार बताया था।

सुनवाई के दौरान वकीलों ने ये भी कहा था कि दोषी ग़रीब पृष्ठभूमि से हैं और आदतन अपराधी नहीं हैं, इसलिए उन्हें सुधरने का मौका दिया जाए।

याचिका में फांसी की सज़ा पर फिर से विचार करने की गुहार लगाई थी और फांसी पर अंतरिम रोक की मांग भी की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सज़ा पर अंतरिम रोक लगा दी थी और साथ ही कोर्ट ने केस में मदद के लिए दो एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) नियुक्त किए थे।

दोनों एमिकस क्यूरी ने मौत की सज़ा पर पुनर्विचार का सुझाव दिया था।

किसी भी केस में एमिकस क्यूरी की नियुक्ति जजों को सुझाव देने तक सीमित होती है और वो उसे मानने के लिए बाध्य नहीं होते।

मामले के एक और अभियुक्त राम सिंह ने तिहाड़ जेल के भीतर आत्महत्या कर ली थी जबकि एक नाबालिग अभियुक्त को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने तीन साल तक सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया था।