अतीक-अशरफ को ‘मिट्टी में मिलाने’ के बाद अब CM योगी के निशाने पर आए ये 61 माफिया

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(www.arya-tv.com) क्या अतीक-अशरफ को मिट्टी में मिलाने के बाद सीएम योगी ने अब पूरे प्रदेश से माफियाराज खत्म करने का मन बना लिया है. उनके मंसबे देखकर तो ऐसा ही लग रहा है. सीएम योगी के आदेश पर यूपी पुलिस ने सोमवार को प्रदेश के 61 माफियाओं की सूची जारी की, जिन्हें अब मिट्टी में मिलाने का काम शुरू होगा.

 यूपी में आतंक का पर्याय बने अतीक अहमद और अशरफ अहमद अब मिट्टी में मिल चुके हैं लेकिन प्रदेश में माफियाराज की सफाई का काम अभी रुकने वाला नहीं है. सीएम योगी आदित्यनाथ  के आदेश पर प्रदेश में 61 माफियाओं की लिस्ट तैयार की गई है. इनमें से 50 लोगों के नाम शासन ने खुद जोड़े हैं, जबकि 11 नाम विभिन्न जिलों की ओर से भेजे गए हैं. ये माफिया वन, शिक्षा, पशु तस्करी, शराब, खनन जैसे कामों से जुड़े रहे हैं और राजनेताओं के संरक्षण में नियम-कानूनों को ताक पर रखकर साल दर साल अरबपति होते चले गए. अब इन सब माफियाओं की रीढ़ तोड़कर उनसे अवैध रुपये से कमाई गई संपत्ति को वापस जब्त करने की तैयारी की है. सीएम योगी के इस इस मास्टर स्ट्रोक से सूबे की राजनीति में हड़कंप मचा हुआ है.

अब इन माफियाओं को मिट्टी में मिलाने की तैयारी

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के मुताबिक अभियान के दौरान इन माफियाओं के गैंग्स को खत्म किया जाएगा और साथ ही उनसे करीब 500 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त करने का लक्ष्य है. जिन माफियाओं को टॉप-61 सूची में स्थान मिला है, उनमें पश्चिम यूपी से गैंगस्टर उधम सिंह का नाम सबसे ऊपर है. उस पर कई जिलों में लूट-डकैती, हत्या, रंगदारी मांगने के दर्जनों केस दर्ज हैं. वह इन दिनों उन्नाव जेल में बंद है.

मेरठ का नामचीन गैंगस्टर और माफिया योगेश भदौड़ा भी सीएम योगी के निशाने पर है. मेरठ के भदौड़ा गांव के रहने वाले योगेश पर संगीन अपराधों के 40 से ज्यादा केस दर्ज हैं. वह सिदार्थनगर जेल में बंद है लेकिन उसका गैंग अब भी बाहर से काम कर रहा है.

बद्दो का ढहाया जाएगा किला

खूंखार माना जाने वाला बदन सिंह बद्दो भी यूपी सरकार के टारगेट पर है. इस नामी अपराधी पर कई राज्यों में हत्या, लूट, डकैती, फिरौती के लिए हत्या के 40 केस दर्ज हैं. वह वर्ष 2019 से फरार है और फिलहाल ढाई लाख का इनामी है. अब योगी सरकार की कोशिश इस माफिया की दहशत हमेशा के लिए खत्म करने की है.

बागपत जिले का रहने वाला कुख्यात बदमाश धर्मेंद्र किरठल को भी टॉप-61 माफियाओं की सूची में स्थान दिया गया है. उसे यूपी एसटीएफ ने वर्ष 2021 में देहरादून से अरेस्ट किया था लेकिन उसकी गिरफ्तारी का गिरोह पर कोई असर नहीं पड़ा और वह लगातार वारदातें करता रहा है. अब उसे नेस्तनाबूत करने की तैयारी है.

बागपत जेल में बंद रहने के दौरान पूर्वी यूपी के कुख्यात बदमाश मुन्ना बजरंगी की तमंचे से हत्या करने वाले कुख्यात बदमाश सुनील राठी को भी टारगेट लिस्ट में शामिल किया गया है. पश्चिम यूपी में खूंखार बदमाश के रूप में चर्चित सुनील राठी हर सरकार में अपना आपराधिक साम्राज्य बढ़ाने में कामयाब रहा है लेकिन अबकी बार सरकार उसकी इस अपराध कथा को हमेशा के लिए खत्म देना चाहती है.

इन माफियाओं पर भी होगा एक्शन

इस लिस्ट में प्रतापगढ़ के शराब माफिया सुधाकर सिंह, कुंडा के गुड्डू सिंह, बहराइच से देवेंद्र सिंह उर्फ गब्बर सिंह, वाराणसी के अभिषेक सिंह हनी उर्फ जहर, प्रयागराज के निहाल कुमार उर्फ बच्चा पासी, गोरखपुर के राजन तिवारी, विनोद उपाध्याय और सुधीर कुमार सिंह, बलरामपुर के पूर्व सांसद रिजवान जहीर, प्रयागराज के दिलीप मिश्रा, फर्रुखाबाद के अनुपम दुबे के नाम भी शामिल हैं.

सहारनपुर के खनन माफिया हाजी इकबाल, लखनऊ का बच्चू यादव, लल्लू यादव, मुख्तार अंसारी का करीबी जुगनू वालिया, मुख्तार अंसारी, बृजेश सिंह, त्रिभुवन सिंह, खान मुबारक, सलीम, बब्लू श्रीवास्तव, सुभाष ठाकुर, संजीव माहेश्वरी, जीवा, एहसान गाजी, फिरदौस, आसिफ इकबाल, सुंदर भाटी, सिंहराज भाटी, अनिल दुजाना, जावेद इकबाल, राजेश तोमर समेत कई माफियाओं के नाम जोड़े गए हैं.

सूची में नाम आते ही डर से कांपने लगे हैं माफिया

अतीक-अशरफ गैंग के सफाये के बाद अब अपना नाम सीएम योगी की हिट लिस्ट में आने के बाद सूची में शामिल माफियाओं की नींद उड़ गई है. इन माफियाओं के खिलाफ धीमी कार्रवाई हालांकि पहले से चल रही थी लेकिन अब इनके खिलाफ विभिन्न एजेंसियां एक साथ एकजुट होकर कार्रवाई करेंगी, जिससे इनके गैंग दोबारा कभी सिर नहीं उठा पाएंगे. माना जा रहा है कि अगले एक हफ्ते में इस कार्रवाई का आगाज हो सकता है.