SBM में भ्रष्टाचार: पार्षदों को बनाया गया बलि का बकरा, कई शपथपत्र हो सकते हैं फर्जी!

## Lucknow
Suyash Mishra
Suyash Mishra

लखनऊ। ओडीएफ डबल प्लस में हुए भ्रष्टाचार की परत दर परत खुलती जा रही है। अधिकारियों ने खुद को बचाने के लिए पार्षदों को बलि का बकरा बना दिया है। दरअसल लखनऊ शहर के सभी 110 पार्षदों से नगर निगम ने एक शपथ पत्र लिया है, जिसमें उन्होंने पार्षदों से यह लिखित में लिया है कि उनके क्षेत्र में अब कोई भी खुले में शौच के​ लिए नहीं जाता। इतना ही नहीं इस शपथपत्र में यह भी लिखवाया गया है कि हर घर में शौचालय बना है साथ ही आबादी वाले इलाकों में हर 500 मीटर पर सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालय बनवाए गए हैं। साथ ही सभी व्यक्तिगत, सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों का मल अब खुली नालियों में नहीं बहता।

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खुद नगर निगम की बदहाल है स्थिति

जबकि असलियत यह है कि न तो लखनऊ खुले में शौच से मुक्त हुआ है और न ही खुली नालियों में मल बहना बंद हुआ। लालबाग स्थित लखनऊ नगर निगम में खुद खुली नाली में मल बह रहा है। न तो इसको लेकर अभी तक किसी कर्मचारी ने ऐतराज जताया और न ही अधिकारी ने। फिर सवाल उठता है कि लखनऊ को ओडीएफ डबल प्लस का खिताब कैसे मिल गया।

कई शपथपत्र हो सकते हैं फर्जी!
नगर निगम में स्वच्छ भारत मिशन के प्रभारी एके राव ने एक रिकॉर्डेड बयान में कहा है कि 99 प्रतिशत सभासदों ने शपथपत्र देकर खुद ओडीएफ डबल प्लस के मानकों के पूरे होने की बात स्वीकार की है। जबकि आर्यटीवी से बातचीत के दौरान कई सभासदों ने यह कहा कि उनसे भी शपथपत्र मांगा गया था, लेकिन उन्होंने कहा कि जब हमारे इलाके में मानक पूरे ही नहीं होते तो वह शपथपत्र क्यों दें।

कई सभासदों ने कहा कि उन्होंने ऐसे किसी शपथपत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए। अब सवाल यह उठता है कि अगर सभी सभासदों ने शपथपत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए तो फिर एके राव साहब झूठे दावे कर रहे हैं। या फिर शपथपत्र ही फर्जी तैयार किए गए। बहरहाल यह जांच का विषय है और इसकी जांच होनी ही चाहिए। क्योंकि मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना से जुड़ा है।

इस योजना के तहत​ निगम के अधिकारी एके राव सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ाकर वाहवाही लूट रहे हैं। जबकि हकीकत ठीक उसके विपरीत है।

आपको बता दें कि एके राव कोई मामूली व्यक्ति नहीं हैं। दबी आवाज नगर निगम से ही कानाफूसी के दौरान पता चला है कि वह कमीश्नर के आदमी हैं उनका कोई कुछ नहीं कर सकता। उनके उपर अनिल गर्ग का हांथ है। वह कोई भी भ्रष्टाचार करें उनका कोई बाल बांका भी नहीं कर सकता।

एके राव नहीं तो कौन जिम्मेदार?
वर्तमान में एसबीएम के प्रभारी अरविंद कुमार राव हैं। इससे पहले यह जिम्मेदारी पंकज भूषण संभाल रहे थे। राव साहेब का कहना है कि वह पिछले 8-10 महीनों से इसको देख रहे हैं इसलिए इसमें जो कुछ भ्रष्टाचार हुआ होगा इसकी न तो उन्हें जानकारी है और न ही इसके लिए वह जिम्मेदार हैं। उनका कहना है कि पूछताछ पुराने जिम्मेदारों से होगी।

ऐसे फसेंगे राव साहब!
शुरुआत से ही यह जिम्मेदारी पंकज भूषण संभाल रहे थे। नगर आयुक्त उदयराज के कार्यकाल में लखनऊ को ओडीएफ प्लस कराने के​ लिए उनसे कहा गया था लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि अभी लखनऊ जब मानकों को ही पूरा नहीं करता तो फिर कैसे उसे ओडीएफ प्लस कर दिया जाए। सितंबर 2018 में उनसे यह जिम्मेदारी लेकर एके राव को दे दी गई राव साहब आंकड़ों और तथ्यों की बाजीगरी के माहिर खिलाड़ी हैं। उन्होंने आते ही न जाने कौन सी जादू की छड़ी घुमाई की लखनऊवासियों की शैली ही बदल गई। वह खुले में शौच न जाकर टॉयलेट में जाने लगे। वैसे सुनने में ही यह हास्यास्पद लगता है। पर राव साहब बड़े कान्फीडेंट से बोलते हैं कि हमने बहुत मेहनत की लोगों का व्यवहार बदलने में। बहरहाल पलक झपकते राव साहब ने पहले लखनऊ में ओडीएफ प्लस और फिर डबल प्लस का दर्जा दिलवा दिया।