लखनऊः उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए मिशन शक्ति अभियान के तहत नई पहल शुरू की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य के सभी थानों में मिशन शक्ति केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए डीजीपी राजीव कृष्ण ने मंगलवार को सभी जिला पुलिस अधिकारियों को विस्तृत निर्देश जारी किए। यह कदम मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत उठाया गया है, जिसका लक्ष्य महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता को सुनिश्चित करना है।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष प्रयास
मिशन शक्ति केंद्र पुलिस थानों के समान कार्य करेंगे और महिला संबंधी अपराधों की शिकायतों की जांच व समाधान करेंगे। ये केंद्र महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और संवेदनशील माहौल प्रदान करने के लिए बनाए गए हैं। डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे महिला शिकायतकर्ताओं के प्रति त्वरित, संवेदनशील और प्राथमिकता के साथ कार्रवाई करें।
मिशन शक्ति केंद्र की संरचना और कार्यप्रणाली
डीजीपी के अनुसार, प्रत्येक मिशन शक्ति केंद्र में निम्नलिखित कर्मचारी नियुक्त होंगे:
– एक प्रभारी निरीक्षक/उपनिरीक्षक (महिला अधिकारी को प्राथमिकता)
– 1 से 4 उपनिरीक्षक
– 4 से 15 आरक्षी (जिनमें 50% महिलाएं होंगी)
– 1 से 2 महिला होमगार्ड
– आवश्यकता होने पर परामर्शदाता की नियुक्ति
इन कर्मचारियों को 3 से 5 वर्ष तक केंद्र में तैनात रखा जाएगा, और प्रशिक्षित कर्मियों के स्थानांतरण की व्यवस्था भी होगी। प्रत्येक केंद्र में अलग कार्यालय कक्ष, कंप्यूटर, रिकॉर्ड, स्टेशनरी, महिला शौचालय और अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
मिशन शक्ति 5.0 का शुभारंभ
20 सितंबर को लखनऊ के लोक भवन सभागार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन शक्ति 5.0 अभियान की शुरुआत की। यह अभियान महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पुलिस की जिम्मेदारी
डीजीपी ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि वे मिशन शक्ति केंद्रों के सुचारू संचालन के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएं। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ये केंद्र महिलाओं की शिकायतों का त्वरित और प्रभावी समाधान करें।