निठारी कांड के सुरिंदर कोली को फांसी पर लटकाने वाले थे पवन जल्लाद, मगर अब…

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देश के इतिहास में नोएडा का निठारी हत्याकांड एक ऐसा दिल दहलाने वाला मामला था जिसने देशवासियों को झकझोर कर रख दिया था. कई महीनों सुर्खियों में रहे इस मामले के दो मुख्य अभियुक्तों सुरिंदर कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बरी कर दिया. गत 16 अक्टूबर को अपने निर्णय में उच्च न्यायालय ने कहा कि अभियोजन पक्ष इन दोनों का अपराध साबित करने में विफल रहा. अब निठारी कांड मामले पर पवन जल्लाद ने खुलकर अपनी भावनाओं का इजहार किया है.

पवन जल्लाद ने  कहा कि वो न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं. न्यायालय को भगवान मानते हैं, लेकिन जिन बच्चों को मारा गया था वो हैवान कौन थे. उन्होंने कहा कि इसका जवाब एक सौ चालीस करोड़ जनता मांग रही है. पवन जल्लाद को दो हजार पंद्रह का वक्त भी याद आया जब वो सुरेंद्र कोली को फांसी पर लटकाने वाले थे.उन्होंने बताया कि अंतिम वक्त पर फांसी पर रोक लग गई थी. उस वक्त को याद करते हुए वो बताते हैं कि कई दिनों तक सुरेंद्र कोली को फांसी पर लटकाने की तैयारी की थी. लेकिन, कुछ घंटे पहले उसकी फांसी पर रोक लग गई थी. वो कहते हैं कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि वो कंकाल किसके थे. जिन बच्चों को मारा गया था वो हैवान कौन थे?

गौरतलब है कि निर्भया कांड के चार दोषियों को पवन जल्लाद ने फांसी पर लटकाया था. पवन जल्लाद का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानून व्यवस्था को लेकर जो कार्य कर रहे हैं वो सराहनीय है. हालांकि, पवन जल्लाद का कहना है वो आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. वो सीएम से गुहार लगाते नजर आते हैं कि उनके बच्चों को सरकारी नौकरी दी जाए.पवन जल्लाद सीएम योगी आदित्यनाथ को अपनी बिटिया की शादी में निमंत्रण देना चाहते हैं. पवन जल्लाद का कहना है कि उन्हें अभी रिटेनर के तौर पर  दस हजार रुपए मिलते हैं. जल्लाद के रूप में उनकी तीसरी पीढ़ी कार्य कर रही है. पवन जल्लाद के पांच बेटियां दो बेटे हैं.