कमिश्नर दफ्तर में धरने पर बैठे विधायक अतुल प्रधान:मेरठ कमिश्नर ने नहीं सुनी शिकायत

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(www.arya-tv.com)  मेरठ में समाजवादी पार्टी से सरधना विधायक अतुल प्रधान कमिश्नर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। विधायक का आरोप है कि मेरठ मंडलायुक्त ने उनकी शिकायत नहीं सुनी है। विधायक का कहना है कि जब सरकार में जनप्रतिनिधियों की सुनवाई नहीं हो रही तो जनता की सुनवाई क्या होगी। बता दें कि अतुल प्रधान ने 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के फायरब्रांड नेता संगीत सोम को हराकर सरधना सीट पर जीत दर्ज की है। कुछ दिन पहले अतुल प्रधान विधानसभा में सत्र के दौरान लाइव स्ट्रीमिंग कर रहे थे। जब उन्हें सदन से बाहर निकाला गया था।

यह है पूरा मामला

दरअसल विधायक अतुल प्रधान सोमवार को मेरठ कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे के पास जनसमस्याओं से जुड़े कुछ मुद्दो ंपर बात करने आए थे। लेकिन जब वह सही समय पर कमिश्नर के दफ्तर में प्रवेश किए और वहां उनसे रूबरू हुए तो कमिश्नर ने उन्हें नजरअंदाज किया है। सपा विधायक का आरोप है कि कमिश्नर का व्यवहार जनप्रतिनिधियों के प्रति ठीक नहीं है। विधायक ऑयल प्रधान ने बताया कि वह जनता की कुछ समस्याओं को लेकर कमिश्नर दफ्तर आए थेसपा विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि हम लोकतंत्र में जीते हैं। मैंने 10.30 बजे का वक्त कमिश्नर महोदय से लिया था। ठीक 10.30बजे मैं उनसे मिलने आया। जिन लोगों को मिलवाना था उनको लाया, उनकी बात सुनने की बजाय कमिश्नर ने अनसुना कर दिया। मैंने कहा आप इनकी बात नहीं सुनेंगी तो पता कैसे चलेगा। कहा कि आप बोलते रहिए मैं सुन रही हूं। और वो काम में व्यस्त हो गईं। जब जनप्रतिनिधियों की ही वो बात नहीं सुनेंगे तो जनता की क्या सुनेंगे। जनता के प्रति जिम्मेदारी है वो नहीं सुनेंगे तो काम कैसे होगा। कमिश्नर को ये पता चल जाए कि लोकतंत्र के चुने जनप्रतिनिधियों से आप कैसे व्यवहार करते हैं इसलिए विधायक कमिश्नर दफ्तर पर ही जमीन पर बैठ गए।

कमिश्नर दफ्तर में ही विधायक का जनता दरबार

अब विधायक अतुल कमिश्नर कम्पाउंड में ही मंडलायुक्त के दफ्तर के बाहर सीढ़ियों पर बैठकर लोगों से मिल रहे हैं। विधायक का आरोप है कि इस सरकार में अधिकारी मनमाने ढंग से कार्य कर रहर हैं और जनप्रतिनिधियों को सम्मान नहीं दिया जा रहा है।

मेरी आवाज सीएम योगी तक भी पहुंचे
सपा विधायक ने कहा कि उन्होंने अपनी बात विधानसभा अध्यक्ष तक भी पहुंचा दी हैं। विधायक का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री तक भी उनका यह संदेश पहुंच जाएगा। विधायक ने कहा कि पिछले दिनों सीएम योगी ने स्वयं कहा था कि अफसर जनप्रतिनिधियों से अच्छा व्यवहार करें। उनकी सुनवाई करें। हम तो विपक्ष के नेता हैं इस सरकार में तो सरकार के मंत्रियों और विधायकों की भी बात को अधिकारी तवज्जो नहीं दे रहे हैं ।

यहां सरकार के मंत्रियों की नहीं सुनी जाती
अतुल प्रधान ने हस्तिनापुर से विधायक और जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक का जिक्र करते हुए कहा कि दिनेश खटीक तो सरकार में मंत्री हैं और पूर्व में देखा जा चुका है कि थाने तक में उनकी सुनवाई नहीं हुई थी। जनता की सुनवाई क्या होगी जब मंत्रियों की नहीं हो रही।

स्वयं भगवान, जनप्रतिनिधि हैं प्यांदे
विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि थोड़ी देर यहां फर्श पर बैठ लेते हैं। कहा कि इन लोगों ने लोकतंत्र में स्वयं को भगवान मान लिया है। हम लोग जिन्हें जनता ने चुना है वो इनके लिए प्यांदे हैं। मेरा निजी काम नहीं ये जनता का काम है। उनकी ही सुनवाई नहीं हो रही। अफसरों को जनप्रतिनिधियों से कैसा व्यवहार करना है यह बताया नहीं गया। कहा अफसर जनता की बात ही नहीं सुनना चाहते। जब सुनवाई नहीं करेंगे तो समस्या का हल कैसे होगा। आप किसी भी सरकार के जनप्रतिनिधि से बात कर लें उनकी भी सुनवाई नहीं होती।

पीडब्लूडी दफ्तर में भी दिया था धरना
बता दें इससे पहले अतुल प्रधान ने पीडब्लूडी दफ्तर में धरना दिया था। सरधना में एक सड़क बनवाने का मुद्दा था। जिस पर सुनवाई न होने पर अतुल दफ्तर में ही धरने पर बैठ गए।