झांसी अग्निकांड में मृत तीन बच्चों की नहीं हो पाई शिनाख्त, DNA टेस्ट की उठ रही मांग

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(www.arya-tv.com)  शुक्रवार को हुई झांसी की घटना ने पूरी यूपी को दहला दिया. झाँसी के लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज चिल्ड्रन वार्ड में आग लगने से शुक्रवार रात 10 मासूमों की जान चली गई, जबकि कई बच्चे अभी भी ज़िंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं. गंभीर रूप से जले हुए बच्चों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. झाँसी अग्निकांड में जलकर जिन 10 बच्चों ने अपनी जान गवाई उनमें से 3 बच्चे इस तरह से आग की ज़द में आ गए कि उनके माता पिता भी उनकी शिनाख़्त नहीं कर पा रहे हैं, अब बच्चो की शिनाख़्त के लिए डीएनए टेस्ट किये जाने की मांग हो रही है.

चिल्ड्रेन वार्ड में आगजनी की घटना को लेकर लोगों में आक्रोश भी दिखाई दे रहा है. गुस्साए परिजनों ने शासन और प्रशासन के खिलाफ मेडिकल कॉलेज के गेट सामने बैठकर अपना विरोध जताया है. उनका विरोध उनको बच्चों के बारे में कोई जानकारी न मिल पाने और अस्पताल में हुई अनिमितताओं के खिलाफ था जिसकी वजह से इतनी बड़ी घटना घटी. इससे पहले  राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जाँच की रिपोर्ट 24 घंटे में सौपने और दोषियों पर कड़ी करवाई करने के आदेश दिए.

मृतक बच्चों के परिवार वालों को मुआवजे का ऐलान
मुख्यमंत्री के आदेश पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सुबह से झाँसी में कैंप किया और अस्पताल प्रबंधन, और प्रशासन के अधिकारियों के लगातार संपर्क में रहे. राज्य की योगी सरकार ने मृतक बच्चों के परिवारजनों को 5-5 लाख और घायलो को 50-50 हज़ार की राशि देने का वादा किया, वहीं प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने भी मृतक बच्चों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि देने का वादा किया है. गौरतलब है कि इस अग्निकांड में 37 बच्चे झुलसे है, घटना के वक्त अस्तपाल में 50 से अधिक बच्चे एडमिट थे. जिन्हें रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया था