(www.arya-tv.com)चित्रकूट: चित्रकूट भगवान श्री राम की तपोस्थली है. इसी वजह से आज मकर संक्रांति के पर्व पर लाखों की तादाद में श्रद्धालु धर्म नगरी चित्रकूट आए हुए हैं. मां मंदाकिनी नदी में स्नान करने के बाद दान पुण्य कर कर कामतानाथ, मतगजेंद्र नाथ मंदिर में पूजा अर्चना कर रहे हैं. इस दौरान चित्रकूट प्रशासन ने भी सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं.
आपको बता दें की मकर संक्रांति पररामघाट में श्रद्धालुओं का जमावड़ा देखने को मिला है. मकर संक्रांति में हर साल दूर-दूर से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन धर्मनगरी चित्रकूट में होता है. जहां मंदाकिनी में स्नान, पूजन के बाद श्रद्धालु अक्षत व वस्त्र दान करके सुख समृद्धि की कामना करते हैं.साथ ही सूर्य देवता को अर्घ्य देकर खिचड़ी, तिल और गुड़ का दान करते हैं.
मकर संक्रांति का बहुत बड़ा महत्व
पुजारी मोहित दास ने बताया कि चित्रकूट धाम में मकर संक्रांति का बहुत बड़ा महत्व है. लाखों श्रद्धालु धर्म नगरी चित्रकूट आए हुए हैं और मां मंदाकिनी में स्नान करने के बाद दान पुण्य करते हैं और इसके बाद कामदगिरि की परिक्रमा करते हैं. उनका कहना है कि वेद पुराण कहते हैं कि इस दिन मंदाकिनी नदी में स्नान करने से, दान पूर्ण करने से लाखों गुना फल मिलता है.
77 साल बाद महायोग बन रहा
इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं. जिससे शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं. मकर संक्रांति के ही दिन गंगा भागीरथ के पीछे पीछे चलकर मृत्यु लोक में आई थी. महाराज भागीरथ ने मकर संक्रांति के दिन ही पूर्वजों का तर्पण कर उधार चुकाया. पुजारी मोहित दास ने बताया कि इस बार मकर संक्रांति पर 77 साल बाद महायोग बन रहा है. इस दिन मंगल और बुद्ध एक ही राशि धनु राशि पर मौजूद रहेंगे.
5 साल बाद सोमवार को पड़ी मकर संक्रांति
पुजारी मोहित दास ने आगे की जानकारी देते हुए बताया कि पांच साल बाद मकर संक्रांति सोमवार को पड़ी है. ऐसे में सूर्य भगवान और शिव भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होगा. आज मकर संक्रांति के दिन छह चीजों का दान करने का विशेष महत्त्व है. चित्रकूट में मंदाकिनी में स्नान करके तोता मुखी हनुमान जी को तिल और गुड़ के बने लड्डू का भोग लगाने से पित्त दोष, शनि दोष समाप्त हो जाता है. इसके साथ ही कामदगिरि की परिक्रमा करते समय भीक्षा मांगने वालों को दान करने एवं गरीबों को खिचड़ी का दान करना उत्तम होता है.