(www.arya-tv.com) मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों के निरीक्षण में मदद करने के बदले कथित तौर पर सीबीआई अधिकारियों द्वारा रिश्वत लेने के मामले में सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल किया है, जिसमें बताया गया है कि घूस की बात को छिपाने के लिए “आचार”, “माता का प्रसाद” और “गुलकंद” जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया था. दरअसल, साल 2020-21 में राज्य में बने दर्जनों नर्सिंग कॉलेजों पर आरोप लगाया गया था कि आवश्यक बुनियादी ढांचों के बिना धोखाधड़ी से कॉलेज चलाए जा रहे हैं. इसको लेकर एक अधिवक्ता विशाल बघेल ने अपनी जनहित याचिका दायक की थी, जिसकी जांच की जिम्मेदारी सीबीआई की दो गई थी.
169 कॉलेजों को मिला था क्लीन चीट
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इसी साल फरवरी में सीबीआई ने राज्य के 169 नर्सिंग कॉलेजों को क्लीन चिट दे दी थी. हालांकि इस निरीक्षण मामले में घूसखोरी को लेकर 18 मई को, सीबीआई ने 23 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, जिसमें उसके अपने चार अधिकारियों के साथ-साथ कम से कम चार जिलों के नर्सिंग कॉलेज के अधिकारी भी शामिल थे. एफआईआर में यह आरोप लगाया गया था कि आरोपी व्यक्ति अयोग्य कॉलेजों को ‘उपयुक्तता रिपोर्ट’ की सुविधा के लिए रिश्वत के आदान-प्रदान में शामिल थे.
राज और मजोका को 27 नर्सिंग कॉलेजों के निरीक्षण की थी जिम्मेदारी
15 जुलाई को, सीबीआई ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश के समक्ष 14 व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया, जिसमें पूर्व सीबीआई इंस्पेक्टर राहुल राज और सीबीआई से जुड़े मध्य प्रदेश पुलिस अधिकारी सुशील कुमार मजोका, साथ ही नर्सिंग कॉलेजों के निदेशक और अन्य कर्मचारी शामिल थे. आरोप पत्र आपराधिक साजिश के आरोपों के साथ-साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की कई धाराओं के तहत दायर किया गया था. राज और मजोका के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी का इंतजार है. दोनों सीबीआई कर्मियों को कुल 27 नर्सिंग कॉलेजों के निरीक्षण का जिम्मा सौंपा गया था.
10 लाख रुपये की रिश्वत
सीबीआई के आरोप पत्र में आरोप लगाया गया कि राज को “10 लाख रुपये की अवैध रिश्वत की मांग को स्वीकार करते हुए” गिरफ्तार किया गया था और कॉलेज अधिकारियों के साथ सीबीआई टीम के निरीक्षण के कार्यक्रम को साझा करने के बदले में “कई अन्य घटनाएं हुईं, जिनमें आरोपी ने रिश्वत प्राप्त की”. आरोपी अधिकारी इन कॉलेजों के कामकाज में कथित अनियमितताओं की जांच कर रहा था.