सीमा विवाद: इस बड़े रणनीतिक खतरे की वजह से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं भारतीय सैनिक

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(www.arya-tv.com)  सिक्किम के डोकलाम सेक्टर में चीन की ओर से लगातार मांग की जा रही है कि भारत अपने सैनिकों को वापस बुलाए। लेकिन, भारतीय सेना पीछे हटने को तैयार नहीं है। विवादित सिक्किम-तिब्बत-भूटान तिराहे के नजदीक भारतीय सैनिक रणनीतिक जमीन की सुरक्षा के लिए खुदाई कर रहे हैं। यह क्षेत्र एक हाइडल प्रॉजेक्ट से महज 30 किलोमीटर की दूरी पर है। यह हाइड्रो-इलेक्ट्रिक प्रॉजेक्ट झलोंग की जलढाका नदी पर स्थित है जो कि भूटान की सीमा से ज्यादा दूर नहीं है।

भूटान में डोकलाम के पहाड़ी इलाके से होते हुए इस भूभाग पर चीन की सड़क बनाने की योजना है। अगर वह इसमें कामयाब हो जाता है तो इससे इस इलाके पर संकट आ सकता है। अगर चीन इस क्षेत्र में सड़क बनान में कामयाब हो जाता है तो सिलिगुड़ी गलियारा और स्वयं सिलिगुड़ी टाउन खतरे में आ जाएगा। चीनी सैनिकों को भारतीय भूभाग में हो रही हलचल पर नज़र रखने में आसानी हो जाएगी।

असम सहित पूर्वोत्तर के अन्य राज्य संवेदनशील

असम जाने वाली सड़क भी इस संकरे गलियारे से होकर गुजरती है और पश्चिम बंगाल तथा पूर्वोत्तर को आपस में जोड़ती है। इस भूभाग पर अगर कोई संकट आता है तो बागडोगरा का गुवाहाटी से जमीनी संपर्क टूट जाएगा। भारतीय सेना रणनीतिक रूप से संवेदनशील इस भूभाग पर अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने देना चाहती है और चीन को अपना हित साधने से रोकने के लिए यहां बनी हुई है। भारतीय सेना तब तक पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है जब तक दोनों देशों की तरफ से कोई साफ और स्थाई निर्णय नहीं लिया जाता।