शरद पूर्णिमा पर लग रहा चंद्र ग्रहण, आंगन में खीर रखें या नहीं, यहां जानें सभी सवालों के जवाब

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(www.arya-tv.com) अश्विन माह की पूर्णिमा का खासा महत्व है. इसे शरद पूर्णिमा भी कहते हैं. शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाकर रात में चंद्रमा की रोशनी में रखने की परंपरा है. मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात चांद की किरण से अमृत वर्षा के बाद खीर को ग्रहण करना शुभ होता है. लेकिन इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण लगने जा रहा है. ऐसे में लोगों के मन में दुविधा है कि ग्रहण व सूरत काल में खीर को खूले आसमान में चंद्रमा की रौशनी में कैसे रखें?

लोकल 18 ने इस संबंध में देवघर स्थित बैधनाथ मंदिर के प्रसिद्ध तीर्थपुरोहित व ज्योतिषी बाबा प्रमोद श्रृंगारी से बात की. उन्होंने कहा कि हर साल शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखी जाती है. इस बार शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर दिन शनिवार को पड़ रही है. शरद पूर्णिमा की रात ही भगवान कृष्ण ने महारास किया था. उन्होंने बंसी बजाकर गोपियों को अपने पास बुलाकर ईश्वरीय अमृत पान कराया था.

शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण
उन्होंने बताया कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा 16 कलाओं में परिपूर्ण रहते हैं. इसलिए इस दिन चंद्रमा की रोशनी से अमृत वर्षा होती है और घर के आंगन में खीर रखने की परंपरा है. लेकिन इस साल शरद पूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण भी लग रहा है. चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है. ग्रहण के समय सब कुछ दूषित हो जाता है. वहीं सूतक काल से ही पूजा पाठ वर्जित माना जाता है.

आंगन में कब रखें खीर?
तीर्थपुरोहित के अनुसार 28 तारीख की रात 1 बजकर 05 मिनट से ग्रहण लग रहा है और 02 बजकर 23 मिनट तक रहने वाला है. यानी ग्रहण काल कुल 1 घंटे 18 मिनट का होने वाला है. लेकिन ग्रहण शुरू होने के 9 घंटे पहले शाम 4 बजे से ही सूतक लग जाएगा. ऐसे में ग्रहण समाप्त होने के बाद ही खीर को आंगन में खुले आसमान तले चंद्रमा की रोशनी में रखें और अगली सुबह स्नान कर उस खीर को ग्रहण करें.

शरद पूर्णिमा का मुहूर्त
अश्विन माह की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है. शरद पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 28 अक्टूबर को सुबह 03 बजकर 52 मिनट से होने जा रही है और समापन अगले दिन 29 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर होगा. इसलिए उदयतिथि को मानते हुए शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा.