(www.arya-tv.com) वाराणसी: बाबा विश्वनाथ के शहर बनारस से दक्षिण भारत का रिश्ता पुराना है. प्राचीन समय से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा और दर्शन के लिए दक्षिण भारत से काशी आते हैं. यही काशी अब दक्षिण भारत के वेद विद्या और पूजा पद्धति की पढ़ाई का बड़ा केंद्र बनेगा. इसके लिए जगह का भी चयन हो गया है. कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य स्वामी शंकर विजयेंद्र सरस्वती ने इसके लिए पहल की है.
काशी में स्थित कांची कामकोटि पीठ के प्रबंधक वी एस सुब्रह्मण्यम मणि ने बताया कि परमपूज्य शंकराचार्य के आदेश पर काशी और प्रयागराज के मध्य वाराणसी में सनातन धर्म सेवा ग्राम योजना के तहत दक्षिण भारत के वेद विद्या को बढ़ावा देने के लिए बड़ा केंद्र बनेगा. इसमें दक्षिण भारत के वेद विद्या के साथ उत्तर भारत के वेद विद्या की पढ़ाई होगी.
इन दो योजना के तहत होगी पढ़ाई
वी एस सुब्रह्मण्यम मणि के मुताबिक, इस केन्द्र में दो योजना के तहत वेद विद्या की पढ़ाई होगी. पहला पूर्ण कालीन वेद विद्या योजना होगा, जिसके तहत वहां के श्रुति परंपरा से वेद विद्या अध्ययन छात्रों को कराया जाएगा. इसमें पूजा पद्धति से लेकर कर्मकांड तक की सम्पूर्ण शिक्षा दी जाएगी. इसके अलावा दूसरा अंश कालीन वेद शिक्षा योजना के तहत भी पढ़ाई होगी. इसमें वेद विद्या की पढ़ाई के साथ आधुनिक शिक्षा का समावेश होगा और इसका ज्ञान भी वहां पढ़ने वाले छात्रों को दिया जाएगा. साथ ही वहां की संस्कृति और परम्परा के बारे में भी जानकारी दी जाएगी. इससे यहां के लोग दक्षिण भारत के वेद विद्या, संस्कृति और परम्परा को करीब से जान और समझ सकेंगे. इससे दोनों संस्कृति का संगम भी होगा.