कर्नाटक—विपक्ष के तमाम नेता बेंगलुरू पहुंचे, कई नेता कल पहुचेंगे आगे की रणनीति पर करेंगें बैठक

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(www.arya-tv.com) लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राजनीतिक दलों ने रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। अब इस चुनाव में एक साल से भी कम का वक्त बचा है, ऐसे में पक्ष हो या विपक्ष कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहता है। आज विपक्ष की ओर से इसी कड़ी में अहम कदम उठाया जा रहा है। बेंगलुरु में कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष की महाबैठक होनी है। इसमें कुल 26 राजनीतिक दल भाग लेंगे, जहां बीजेपी को घेरने की रणनीति बनाई जाएगी।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बेंगलुरु में दो दिन चलने वाली विपक्ष की इस महाबैठक की अगुवाई कांग्रेस कर रही है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा सभी विपक्षी नेताओं को इसमें आने का न्योता भेजा गया था। इस बैठक में साझा विपक्ष के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और आगे की रणनीति पर मंथन होगा।

बैठक में आज हिस्सा नहीं लेंगे शरद पवार

सोमवार को होने वाली इस बैठक से पहले ही एक बड़ा अपडेट भी आया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के शरद पवार आज इस बैठक में हिस्सा नहीं ले पाएंगे, उनकी पार्टी ने यह जानकारी दी। हालांकि, शरद पवार किन कारणों की वजह से मीटिंग में नहीं आ रहे हैं, अभी साफ नहीं हुआ है। बता दें कि कुछ दिनों पहले ही उनकी पार्टी दो-फाड़ हुई है और भतीजे अजित पवार ने बगावत की है। हालांकि पवार कल यानी 18 जुलाई को बेटी सुप्रिया सुले के साथ बेंगलुरु पहुंचेंगे।

विपक्ष की होने वाली बैठक के लिए राजनेताओं का आना जारी है, इस बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बयान दिया है कि आधिकारिक बैठक 18 जुलाई को होनी है, आज कर्नाटक के सीएम सभी दलों के नेताओं के लिए डिनर का आयोजन कर रहे हैं। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने इस मीटिंग को लेकर कहा कि आज देश में कई अहम मसले हैं, हम सत्ता के लिए नहीं बल्कि लोकतंत्र को बचाने के लिए साथ आए हैं। हम इसी मीटिंग में संसद के मॉनसून सत्र के लिए रणनीति पर चर्चा करेंगे, ये बैठक गेमचेंजर साबित होगी। आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा का कहना है कि विपक्ष की एकता को देखकर, भाजपा की नींद उड़ गई है।

किन विषयों पर होगा मंथन?

विपक्ष का सबसे बड़ा मंथन लोकसभा सीटों पर साझा उम्मीदवार उतारने को लेकर है, कोशिश की जा रही है कि अधिकतर लोकसभा सीटों पर इस फॉर्मूले को अपनाया जाए. सोमवार को विपक्षी पार्टियों का साझा डिनर होगा, इसके अलावा इस बैठक में एक कमेटी का गठन हो सकता है जो आगे जाकर कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर काम करेगी. इनके अलावा साझा रैली, प्रोग्राम और अन्य बैठकों को लेकर एजेंडा बनेगा।

साल 2014, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के हाथों हार चुका विपक्ष अब 2024 में हर कदम जांच कर आगे बढ़ा रहा है। यही कारण है कि कांग्रेस की कोशिश अधिक से अधिक पार्टियों को साथ लाने की हैं। बता दें कि विपक्ष की ऐसी पहली साझा बैठक 23 जून को पटना में हुई थी, जिसकी अगुवाई नीतीश कुमार ने की थी. तब इस मीटिंग में 15 दल शामिल हुए थे, जबकि दूसरी बैठक की अगुवाई कांग्रेस कर रही है और यहां 26 दल शामिल हो रहे हैं।

बैठक से ठीक पहले साथ आए AAP-कांग्रेस

इस मीटिंग को लेकर एक अहम डेवलेपमेंट आम आदमी पार्टी का साथ आना है। AAP ने पहले ही इरादे साफ किए थे कि अगर कांग्रेस दिल्ली से जुड़े अध्यादेश पर उसका साथ देती है, तभी वह इस मीटिंग में आएगी। अब कांग्रेस ने दिल्ली से जुड़े अध्यादेश पर खुले तौर पर केंद्र का विरोध किया है, ऐसे में AAP ने भी मीटिंग में आने की बात साफ कर दी है।

बता दें कि बेंगलुरु में होने वाली इस बैठक में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, टीएमसी की ममता बनर्जी, बिहार सीएम नीतीश कुमार, तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन, झारखंड सीएम हेमंत सोरेन, दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के अलावा उद्धव ठाकरे और लालू यादव शामिल हो सकते हैं। इनके अलावा भी अन्य कई राजनीतिक दलों के प्रमुख और प्रतिनिधि मीटिंग में हिस्सा ले सकते हैं।

विपक्ष के साथ एनडीए की भी बैठक

एक तरफ 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्ष मंथन करने जा रहा है, वहीं 18 जुलाई को सत्ता पक्ष यानी एनडीए भी मीटिंग करने जा रहा है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एनडीए के सभी साथियों को दिल्ली में होने वाली मीटिंग के लिए न्योता दिया है, इसकी अगुवाई खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे एनडीए में कई दलों की वापसी हो रही है, जिसमें जीतनराम मांझी, ओमप्रकाश राजभर, चिराग पासवान जैसे नेताओं की भी वापसी हो रही है।