UP के गैंगस्टर रख रहे विदेशी पिस्टल:विश्व की टॉप-10 पिस्टल पहली पसंद

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(www.arya-tv.com) माफिया ब्रदर्स की 15 अप्रैल यानी शनिवार रात 10:35 बजे प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल में जिस तुर्किये मेड पिस्टल जिगाना से गोली मारकर हत्या की गई है। वह यूपी के गैंगस्टर की पहली पसंद बनी है। यह पिस्टल प्रयागराज शूटआउट से पहले चित्रकूट जेल में हुई गैंगवार और पंजाब में सिद्धू मूसेवाला में भी इस्तेमाल हुई है। पाकिस्तान के रास्ते पंजाब में आने वाली यह पिस्टल जहां पहले स्थानीय गैंग की पसंद बनी और आज पूरे यूपी में इस जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल हो रहा है। यूपी के गैंगस्टर की पसंद विश्व की टॉप-10 में शामिल पिस्टल हैं। इन्हीं से कई गैंगवार हुई हैं।

यूपी के गैंगस्टर की पसंद है यह पिस्टल
एसटीएफ के एक अधिकारी के मुताबिक, गैंगस्टर अब अचूक निशाना लगाने और मिस फायर से बचने के लिए अंग्रेजी पिस्टल का यूज कर रहे हैं। यूपी के गैंगस्टर पंजाब की तर्ज पर ऑटोमैटिक पिस्टल का प्रयोग करने लगे हैं। जैसा कि पिछले दिनों अपराधियों के पास से मिले पिस्टल से साफ है। आजकल गैंगस्टर को ऑस्ट्रिया की ग्लॉक पिस्टल, वॉल्थर पी-88, रूसी एएन-94, जर्मनी की पी-30, तुर्कीये की जिगाना पिस्टल पहली पसंद है। ये विश्व की टॉप-10 पिस्टल में गिनी जाती हैं। इसमें जिगाना पिस्टल आजकल सबसे कॉमन हो गई है। यह पंजाब से पूरे देश में सप्लाई हो रही है।

पंजाब से पश्चिमी यूपी के अपराधियों में इसका चयन बढ़ा और अब प्रदेश के अधिकतर बड़े गैंग इनका इस्तेमाल कर रहे हैं। बताया जाता है यह पिस्टल पंजाब में बॉर्डर पार से ड्रोन से गिराई जाती है। जिन्हें पंजाब के हथियार सप्लायर आगे भेजते हैं। इस गैंग की धरपकड़ के लिए यूपी एसटीएफ के साथ ही एटीएस ने भी कमर कस ली है। क्योंकि जिगाना पिस्टल का यूज अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या में हुआ। उमेश पाल हत्याकांड में भी विदेशी पिस्टल यूज की गई थी।

एक राउंड में 15 फायर, नहीं होता मिस फायर
जिगाना पिस्टल से एक बार में 15 राउंड फायरिंग होती है। तुर्कीये फायरआर्म कंपनी TISAS इस पिस्टल को बनाती है। फ्लैट ट्रिगर होने से गोलियां चलाते वक्त ट्रिगर से उंगलियां सरकती नहीं हैं। साथ ही 15 राउंड फायरिंग होने के बाद भी गर्म नहीं होती है।

चित्रकूट जेल में मुकीम काला और मेराज की हत्या जिगाना से ही हुई
सिद्धू मूसेवाला मर्डर और अतीक-अशरफ से पहले जिगाना का प्रयोग मई 2021 में यूपी के चित्रकूट जेल में गैंगवार में हुआ था। इसमें मुकीम काला और मेराज की चित्रकूट जेल के अंदर अंशू दीक्षित ने हत्या कर दी थी। तब यूपी में जिगाना पिस्टल की चर्चा शुरू हुई थी। पुलिस फायरिंग में अंशु भी मारा गया था। भारत में जिगाना पिस्टल पर बैन है। वहीं पाकिस्तान में फैक्ट्रियों में बनाकर इसकी बॉर्डर से तस्करी होती है। इसके लिए हथियार तस्कर ड्रोन का इस्तेमाल करते रहे हैं।

अतीक और मुख्तार गैंग के बाद सुंदर भाटी गैंग कर रहा विदेशी पिस्टल का उपयोग
एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक यूपी में अतीक और मुख्तार गैंग के साथ ही सुंदर भाटी और रईस बनारसी गैंग भी विदेशी पिस्टलों का इस्तेमाल कर रहा है। उमेश पाल हत्याकांड में अतीक गैंग ने कोल्ट और बैरेटा विदेशी ऑटोमैटिक हथियारों का इस्तेमाल किया। असद के पास से ब्रिटिश बुलडॉग रिवॉल्वर और शूटर गुलाम के पास वॉल्थर पी-88 पिस्टल थी। इसी तरह मुख्तार के गैंग में भी विदेशी हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है। उसके बेटा अब्बास अंसारी अगस्त 2016 में स्लोवेनिया से प्रतिबंधित बोर की ब्लॉजर राइफल लेकर आया था। अब्बास स्लोवेनिया से 9.52 एमएम बोर की राइफल, 11.63 एमएम बोर की राइफल और 10.16 बोर की पिस्टल लाया था।

लखनऊ में अजीत सिंह की हत्या जिगाना से हुई
माफिया मुख्तार अंसारी के गुर्गे मेराज और मुकीम काला को चित्रकूट जेल में 14 मई 2021 में और करीबी अजीत सिंह की लखनऊ के विभूतिखंड में छह जनवरी 2021 को जिगाना पिस्टल से ही हत्या की गई थी। चित्रकूट जेल में पिस्टल बरामद हुई थी, क्योंकि आरोपी अंशू दीक्षित को पुलिस ने मुठभेड़ में गैंगवार के कुछ ही घंटे में ढेर कर दिया था। जबकि अजीत सिंह हत्याकांड में पुलिस जांच में जिगाना से हत्या की बात का खुलासा हुआ था।