(www.arya-tv.com) श्रीराम भक्ति की रसिक उपासना की आचार्य पीठ लक्ष्मण किला में सावन शुक्ल तृतीया से आरंभ झूलनोत्सव सम्पन्न हो गया। सरयू तट स्थितइस भव्य पीठ में सरयू की हिलारों को छूकर आतीं हवाओं के बीच शास्त्रीय संगीत देर रात चला। सावन की कजरी को सुन संत और श्रद्धालु आनंद में मगन रहे। सरयू कूले बना रहे सावन की प्रार्थना के साथ महोत्सव को अगले सावन तक विश्राम दिया गया।
पीठ के महंत मैथिलीरमण शरण उत्सव प्रेमी
आचार्य पीठ लक्ष्मण किला सरयू तट पर 40 एकड़ में बना सुरम्य आश्रम है। पीठ के संस्थापक स्वामी युगलानन्य शरण की तपस्या से प्रभावित होकर अंग्रेजों से उन्हें यह भूमि ताम्र लेख के जरिए दान में दी थी।तपस्या की इस भूमि पर उत्सव धर्मिता का माहौल हर समय बना रहता है। यहां लकड़ी के झूले पर भगवान के साथ गुरुदेव को भी बिठाया गया था। पीठ के महंत मैथिलीरमण शरण इतने उत्सव प्रेमी हैं कि राम विवाह आदि कुछ पर्वों पर तो वे कुछ भाव विभोर होकर नृत्य करने लगते हैं।
यहां झूलन उत्सव के अंतिम दिन सिद्ध पीठ नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास,मधुकरी संत एमबी दास और शास्त्रीय गायक विनोद शरण ने सावन के पदों को सुनाकर भाव विभोर कर दिया। तबले और हारमोनियम पर सिया लाडली शरण,संजय झां और सुबोध झां का जादू चलता रहा।इन सभी का महंत मैथिली रमण शरण ने परंपरागत स्वागत किया।
महोत्सव में वामन मंदिर के महंत वैदेही वल्लभ शरण,हनुमत निवास के आचार्य डॉ मिथिलेश नंदिनी शरण, हनुमानगढ़ी से जुड़े महंत बलराम दास, एडीएम सदस्य परमानंद मिश्र,भाजपा नेता आशीष मिश्रा आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।