झारखंड सरकार फार्मा कंपनियों को उद्याेग लगाने पर देगी 20% तक सब्सिडी

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(www.arya-tv.com) झारखंड औद्योगिक एंव निवेश प्रोत्साहन नीति-2021 को लॉन्च करने के बाद राज्य सरकार अब उच्च प्राथमिकता वाले सेक्टरों में निवेशकों पर फोकस कर रही है। जल्द ही दवा कारोबार (फार्मास्युटिकल्स) के क्षेत्र की कंपनियाें काे झारखंड में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

सरकार अगले माह देश की बड़ी कंपनियों के साथ वन-टु-वन बात करेगी। फार्मा कंपनियों को झारखंड में निवेश करने के उद्देश्य से कई छूट देने का प्रावधान किया है। इसके तहत निवेश करने पर 20 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी, वहीं स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन पर 100 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
उद्योग सचिव पूजा सिंघल ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से फार्मास्युटिकल्स को हाई प्रायोरिटी सेक्टर में रखा गया है। दो हफ्ते बाद विभाग फार्मा कंपनियों के पास जाएगी, ताकि वे राज्य में निवेश कर सकें।

उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली में आयाेजित इन्वेस्टर्स मीट के अंतिम दिन शनिवार काे झारखंड में 9708 कराेड़ रुपए के लिए पांच कंपनियों से करार हुआ। मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन की माैजूदगी में उद्याेग सचिव और डालमिया भारत ग्रुप, आधुनिक पावर, सेल, टाटा स्टील व प्रेम रबर वर्क्स के प्रतिनिधियाें ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इससे करीब दाे लाख लाेगाें काे राेजगार मिलेगा।

रांची में 35 एकड़ में फार्मा पार्क तैयार
दवा कंपनियों के लिए पहले से ही जमीन उपलब्ध है। रांची के बरहे में 35 एकड़ में फार्मा पार्क बनकर तैयार है। यहां सभी तरह की सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। 55 प्लॉट आवंटन के लिए रखे गए हैं। ऐसे में फार्मा कंपनियों को निवेश में आसानी होगी।

इन दो प्रमुख सेक्टर में भी निवेश कराने की तैयारी
ऑटोमोबाइल क्लस्टर बनेगा, 10 साल में 50 यूनिट लगेंगी
राज्य सरकार ने ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में कंपनियों के निवेश की योजना बनाई है। ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट में इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी व ऑटोमोबाइल पॉलिसी के जरिए झारखंड में एक बड़ा ऑटोमोबाइल क्लस्टर तैयार करने जा रही है। अभी आदित्यपुर में ऐसा क्लस्टर बना है। राज्य सरकार का अगले 10 साल में 50 ईएसडीएम मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लग जाने का अनुमान रखा गया है। इसमें ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक, एलईडी, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी एरिया को फोकस किया गया है। इसमें संभावित इन्वेस्टर्स बीएसएनल, टाटा स्टील, रेलवे आदि हैं।

इथेनॉल उत्पादन में उद्योग लगाने पर आधे दाम में जमीन
राज्य में इथेनॉल उत्पादन नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। इसके तहत यहां इथेनॉल के तीन तरह के उद्योग शुगर, सेलिलोज, स्टार्च आधारित लगाने की संभावना जताई गई है। इससे संबंधित नीति के तहत सरकार बायो फ्यूल को बढ़ावा देगी। एसएसएमई और नॉन एसएएसएमई में जीएसटी की छूट 9 साल तक, जियाडा की ओर 50 प्रतिशत लैंड कॉस्ट पर जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा पहले दो साल में यूनिट बैठाने वाली कंपनियों को 5 प्रतिशत अर्ली बर्ड सब्सिडी दी जाएगी। इथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है, जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।