(www.arya-tv.com) चैत्र नवरात्रि की आज अष्टमी है। रामनवमी 30 मार्च को मनाई जानी है। अयोध्या में रामलला के अस्थायी मंदिर में मनाई जाने वाली ये रामनवमी खास है, क्योंकि ऐसा आखिरी बार होगा कि इस अस्थायी मंदिर में राम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। जनवरी 2024 तक अयोध्या में नया राम मंदिर बनकर तैयार होने वाला है। ऐसे में चैत्र नवरात्रि की ये रामनवमी अस्थायी मंदिर में आखिरी होने वाली है।
हेलिकॉप्टर से कर सकेंगे भक्त श्रीराम नगरी के दर्शन
जन्मोत्सव वाले दिन भगवान श्रीराम को खास दिल्ली से आए पीले रंग के वस्त्र, सोने का मुकुट और हार पहनाया जाएगा। 11 क्विंटल पंजीरी, फल और मेवा का भोग लगाने की तैयारी है। उत्सव के लिए रामलला के दरबार को विशेष फूलों से सजाया जा रहा है। जगह-जगह रंगोली बनाई जा रही है। खास बात यह है कि इस बार श्रद्धालु हेलिकॉप्टर से श्रीराम नगरी के दर्शन कर सकेंगे।
10 हजार जगह पर 1 लाख भक्त श्रीरामचरित मानस पाठक कर रहे
बता दें, 22 मार्च से 10 हजार जगह (मंदिर, घर, आश्रम, सरयू तट के किनारे) पर 1 लाख भक्त और संत श्रीरामचरित मानस का पाठ कर रहे हैं। महोत्सव में चारों तरफ भगवान श्रीराम के नाम, गुण, लीला और धाम की 100 से ज्यादा कथाएं चल रही हैं। शहरभर के 10 हजार मंदिरों को फूलों से सजाया गया है। इस बार राम नवमी पर 25 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।
1. दोपहर 12 बजे मंगल ध्वनियों के बीच रामलला का होगा जन्म
नवमी को ठीक दोपहर 12 बजे मंगल ध्वनियों के बीच रामलला का जन्म होगा। इसके बाद अस्थायी राम मंदिर समेत 10 हजार मंदिरों से मंगल गीत गूंजेंगे। जनकपुर से 500 से ज्यादा मिथिला की सखियां लक्ष्मण किला सहित अन्य मंदिरों में गायन, वादन और नृत्य कर अपने पाहुन राम को रिझाने आई हुई हैं।
श्रीरामवल्लभाकुंज से लेकर हनुमान टेकरी तक उत्सव शुरू
रामलला के दरबार के साथ ही कनक भवन, श्रीरामवल्लभाकुंज, लक्ष्मण किला, दशरथ महल, विअहुति भवन, सियाराम किला, रंग महल, रामलला सदन, अशर्फी भवन, कोसलेश सदन, राजसदन, मणिराम दास जी की छावनी, जानकीघाट बड़ा स्थान, जानकी महल, रामहर्षण कुंज, हनुमत निवास, हनुमत सदन, उत्तर तोताद्रि मठ, राजगोपाल मंदिर, लवकुश मंदिर, बड़ा भक्तमाल, राम वैदेही भवन, तिवारी मंदिर, कनक महल, हनुमान बाग, हनुमत वाटिका, बड़े हनुमान मंदिर, हनुमान टेकरी आदि मंदिरों में उत्सव शुरू हो जाएगा।
2. 700 मीटर पैदल चलकर मिलेंगे रामलला के दर्शन
अयोध्या धाम का मुख्य मार्ग नयाघाट से लेकर श्रीराम अस्पताल तक 20 मीटर चौड़ा कर दिया गया है। इस बार श्रद्धालुओं को रामजन्मभूमि पथ से केवल 700 मीटर चलकर ही रामलला के दर्शन होंगे।