(www.arya-tv.com) गोरखपुर में हत्या का जुर्म सिद्ध पाए जाने पर जिला जज तेज प्रताप तिवारी ने आरोपियों को आजीवन कारावास और 18 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह सजा गोला इलाके के ग्राम सहडौली निवासी अभियुक्त श्रीप्रकाश राय उर्फ धन्नड राय, दुर्गेश राय और आजमगढ़ जिले के तहबरपुर इलाके के ग्राम बीबीपुर निवासी अभियुक्त अजय राय को मिली है। साथ ही अर्थदंड न देने पर अभियुक्तों को दो साल एक महीने का कारावास अलग से भुगतना होगा।
1998 में हुई थी हत्या
दरअसल, कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता यशपाल सिंह और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जयनाथ यादव का कहना था कि वादी गोरखराय के भतीजे शंकर्षण राय ने 25 अप्रैल 1998 को अपनी बाइक बड़हलगंज इलाके के ग्राम फडसार पिंटू पांडेय और आजमगढ़ जिले के तहबरपुर थाना क्षेत्र के बीबीपुर निवासी अजय राय को मांगने पर व्यवहार में एक दिन के लिए दिया था।
1 सितम्बर 1998 को घर से गायब हुआ था शंकर्षण राय
वादी के भतीजे के धोखा देकर उपरोक्त लोगों ने बाइक रख ली और वापस नहीं किए। अगस्त 1998 को वादी को एक चिट्ठी मिली जिसमे लिखा था कि अपने लड़के को बाइक के बारे में चर्चा करने से मना कर दो, अन्यथा परिणाम अच्छा नहीं होगा। 1 सितम्बर 1998 को सुबह करीब 7 बजे शकर्षण राय लूंगी और शर्ट पहने घर से बाहर निकला और घर वापस नहीं आया।
घर से ले गए और फिर हत्या कर दी
वादी रिश्तेदारी में उसका पता करने का प्रयास किया लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। वादी ने विश्वास व्यक्त किया कि उसके भतीजे को पिंटू पांडेय और अजय राय ने बहला फुसलाकर कर ले गए और धोखा देकर उसकी हत्या कर दिए है। इसके बाद विवेचना के दौरान अभियुक्तों का नाम प्रकाश में आया।