ब्रिटेन की राजधानी लंदन में बनेगा जगन्नाथ मंदिर, 2024 तक पूरा होगा पहला फेज

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(www.arya-tv.com) ब्रिटेन की राजधानी लंदन में देश का पहला जगन्नाथ मंदिर बनने जा रहा है। इसके लिए ओडिया मूल के बिजनेसमैन बिस्वनाथ पटनायक ने 254 करोड़ रुपए दान किए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि मंदिर निर्माण का पहला चरण अगले साल के खत्म होने तक पूरा हो जाएगा। मंदिर का निर्माण चैरिटी कमीशन इन इंग्लैंड में रजिस्टर्ड श्री जगन्नाथ सोसाइटी (SJS) करवा रही है।

फिननेस्ट ग्रुप के फाउंडर पटनायक और कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अरुण कार इस मंदिर निर्माण के लिए दान करने वाले मुख्य लोगों में शामिल हैं। कार ने बताया कि पटनायक की तरफ से 254 करोड़ रुपए फिननेस्ट ग्रुप की कंपनियां देंगी। ग्रुप ने मंदिर निर्माण के लिए 15 एकड़ जमीन खरीदने के लिए 71 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है।

लंदन में रविवार को अक्षय तृतीया के मौके पर पहले श्री जगन्नाथ सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें भारतीय हाईकमीशन के डिप्टी कमिश्नर सुजीत घोष और भारत के मंत्री (संस्कृति) अमीश त्रिपाठी मौजूद रहे। इनके अलावा पुरी के महाराज गजपति दिब्यसिंह देब, महारानी लीलाबती पट्टामहादेई के साथ शामिल हुए। इसी सम्मेलन में पटनायक ने मंदिर के लिए 254 करोड़ रुपए दान करने का संकल्प लिया।

उन्होंने कहा- मंदिर के सपने को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए सभी श्रद्धालुओं को भगवान जगन्नाथ में विश्वास रखते हुए मिलकर काम करना होगा। चैरिटी कमीशन इन इंग्लैंड के मुताबिक, मंदिर के लिए जमीन की पहचान कर ली गई है और वह खरीद के अंतिम चरण में है। मंदिर के निर्माण की इजाजत के लिए लोकल गवर्नमेंट को एक प्री-प्लानिंग एप्लिकेशन भी जमा कर दी गई है।

श्री जगन्नाथ सम्मेलन में शामिल हुए पुरी के महाराजा गजपति
भगवान जगन्नाथ के पहले और सबसे महत्वपूर्ण सेवक (आद्य सेवक) और पुरुषोत्तम क्षेत्र में श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष के तौर पर गजपति महाराज ने मंदिर परियोजना के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने कहा- भगवान जगन्नाथ की परंपरा का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है कि सभी धार्मिक संप्रदायों के लोग अपने-अपने तरीके से उनकी पूजा करते हैं।

बौद्ध, जैन और सिख लोगों के लिए भी जगन्नाथ भगवान का खासा महत्व है। भगवान जगन्नाथ की परंपराएं और पुरुषोत्तम क्षेत्र के महत्व शीर्षक वाले अपने भाषण में उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ की परंपरा दुनिया के लिए महान सद्भाव का प्रतिनिधित्व करती है।

इससे पहले नवंबर 2021 में पहली बार भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के अवतारों को भगवान विष्णु के दिव्य अस्त्र सुदर्शन चक्र के साथ लंदन में श्री जगन्नाथ मंदिर की रस्मों के मुताबिक प्रतिष्ठित किया गया था। तीनों मूर्तियों को फिलहाल ब्रिटेन के सबसे पुराने साउथहॉल के श्री राम मंदिर में रखा गया है। लदन में बनने वाला मंदिर यूरोप का पहला जगन्नाथ मंदिर होगा।