इजराइली आर्मी ने मीडिया में गाजा पर हमले की बात फैलाई, हमास के आतंकी टनल में छिपे

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(www.arya-tv.com)इजराइल और हमास (इजराइल इसे आतंकी संगठन मानता है) के बीच जारी जंग में अब तक 126 लोग मारे जा चुके हैं। इनमें 31 बच्चे भी शामिल हैं। दोनों तरफ के हमलों में 950 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। मरने वालों में 9 इजराइली और बाकी फिलिस्तीनी हैं। इस बीच इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) का एक माइंड गेम सामने आया है। IDF ने हमास के आतंकियों को मारने के लिए शुक्रवार शाम ये बात मीडिया में फैला दी की इजराइली आर्मी गाजा पट्टी पर हमला करने वाली है। ये खबर फैलते ही हमास के आतंकी टनल (सुरंग) में जा छिपे। इसके बाद 40 मिनट तक इजराइल के 160 फाइटर प्लेन टनल्स पर बम बरसाते रहे।

IDF का दावा है कि उनकी एयरस्ट्राइक में हमास के दर्जनों कमांडर मारे गए। एयरस्ट्राइक के कुछ देर बाद सेना ने गाजा पट्टी पर सैनिक हमले की बात को मीडिया की गलतफहमी बताकर खारिज कर दिया। हमास ने गाजा में मिसाइल लॉन्चिंग साइट को भी ठिकाने लगाने का दावा किया। IDF ने शुक्रवार को हमास की नेवल फोर्स के ऑफिस की तरह उपयोग किए जा रहे अपार्टमेंट पर भी एयरस्ट्राइक की। अपार्टमेंट के 2 घरों को हमास के कमांडर अपने ऑफिस की तरह यूज कर रहे थे।

हमास ने 2300 रॉकेट दागे
IDF ने बयान जारी कर बताया कि शुक्रवार की रात 7 बजे से शनिवार सुबह 7 बजे तक गाजा पट्टी से 200 रॉकेट इजराइल पर छोड़े गए। इसमें से 100 से ज्यादा को आयरन डोम ने हवा में मार गिराया। ये इजराइल की आबादी क्षेत्र में गिरने वाले थे। 30 मिसफायर होकर गाजा पर ही गिर गए। सीरिया की तरफ से भी शनिवार को 3 रॉकेट इजराइल पर दागे गए। इसमें से एक मिसफायर होकर सीरिया में ही गिर गया। अब तक हमास 2300 रॉकेट इजराइल की तरफ छोड़ चुका है।

दंगों में मारे गए 9 फिलिस्तीनी
इजराइल और फिलिस्तीन की जंग के बाद अब दोनों देशों में दंगे भी तेजी फैल रहे हैं। फिलिस्तीन की स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को दंगों में करीब 9 लोगों के मारे जाने की बात कही है। IDF ने अपने बयान में कहा है कि गाजा के बाद अब वेस्ट बैंक की तरफ से इजराइल में पथराव और बम फेंके जाने की घटना शुरू हो गई हैं। IDF के मुताबिक दंगों में 3,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी शामिल हैं। दंगों के सबसे ज्यादा मामले यरुशलम, लॉड, हाइफा और सखनिन शहर में सामने आए हैं। हालात इतने खराब हो गए कि लॉड शहर में इमरजेंसी लगानी पड़ी। 1966 के बाद ऐसा पहली बार है जब दंगों की वजह से यहां इमरजेंसी लगाई गई है।