लॉकडाउन का एक साल:कोरोना के कारण 24.4% तक लुढ़की देश की जीडीपी

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(www.arya-tv.com)कोरोना के कारण दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हुई हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है। यही कारण है कि चालू वित्त वर्ष की पहली दो तिमाहियों में देश का सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी नेगेटिव हो गई था। हालांकि, अनलॉक के बाद कारोबारी गतिविधियां बढ़ने से तीसरी तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जीडीपी मामूली अंकों की बढ़त के साथ पॉजिटिव हो गई है। जीडीपी की गणना 8 कोर सेक्टर्स के आधार पर की जाती है।

पहली तिमाही में 24.4% की गिरावट रही थी

कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने 25 मार्च 2020 को पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया था। इससे आवश्यक गतिविधियों को छोड़कर सभी प्रकार के परिवहन और आर्थिक गतिविधियों पर रोक लग गई थी। इसका नतीजा यह हुआ कि वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून तिमाही में देश की जीडीपी में 23.9% की गिरावट आ गई। हालांकि, यह प्रारंभिक आंकड़े थे। बाद में सरकार ने इसमें सुधार करके इसे -24.4% कर दिया था। पहली तिमाही में कृषि ही ऐसा सेक्टर रहा जिसमें ग्रोथ दर्ज की गई।

जुलाई-सितंबर तिमाही में सुधरे हालात

अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद देश में आर्थिक गतिविधियों ने धीरे-धीरे जोर पकड़ना शुरू किया। हालांकि, इस दौरान भी कई सेक्टर्स में कामकाज प्रभावित रहा। इसके अलावा कामगारों की कमी के कारण कंस्ट्रक्शन और मैन्युफैक्चरिंग जैसी गतिविधियां में उम्मीद के मुताबिक ग्रोथ नहीं आई। इसी का नतीजा रहा कि दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ की गिरावट में थोड़ा सुधार हुआ। जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान जीडीपी की गिरावट कम होकर -7.3% की गिरावट रही। इसमें कृषि के साथ मैन्युफैक्चरिंग और बिजली-गैस सेक्टर की ग्रोथ पॉजिटिव रही।

तीसरी तिमाही में पॉजिटिव हुई जीडीपी ग्रोथ

अक्टूबर से अधिकांश आर्थिक गतिविधियां शुरू हो गई थीं। लॉकडाउन के दौरान अपने घरों को वापस लौटे प्रवासी मजदूर भी काम के लिए शहरों में आ गए। इससे कंस्ट्रक्शन, मैन्युफैक्चरिंग समेत अधिकांश कोर सेक्टर्स में तेजी देखी गई। इससे चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ नेगेटिव जोन से बाहर निकल आई। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जीडीपी में 0.4% की ग्रोथ रही। इस तिमाही में कृषि, मैन्युफैक्चरिंग, बिजली-गैस, कंस्ट्रक्शन, वित्त-रियल एस्टेट सेक्टर्स की ग्रोथ पॉजिटिव रही।

पूरे साल में 8% की ग्रोथ का अनुमान

जब किसी देश की अर्थव्यवस्था लगातार दो तिमाही में नेगेटिव रहती है तो इससे तकनीकी मंदी कहा जाता है। लेकिन तीसरी तिमाही में पॉजिटिव ग्रोथ के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था तकनीकी मंदी से बाहर आ गई थी। लॉकडाउन का आंशिक प्रभाव वित्त वर्ष 2019-20 की जनवरी-मार्च तिमाही पर भी पड़ा था। इस तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 3.1% रही थी। सरकार ने पूरे कारोबारी साल यानी 2020-21 में देश की जीडीपी में 8% की गिरावट का अनुमान जताया है। रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी में 12% की ग्रोथ रहने का अनुमान जताया है।