भारत ने सैनिकों को दी गोली चलाने की छूट तो चीन देने लगा शांति समझौतों की दुहाई

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(www.arya-tv.com)  भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव जारी है। हाल ही में सीमा पर हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। इस दौरान चीन के 40 के करीब सैनिक भी मारे गए थे। इसके बाद रक्षा मंत्री ने सेना को स्थिति को देखते हुए माकूल जवाब देने की छूट दे दी है। इतना ही नहीं सैनिकों से कहा गया है कि अगर जरूरी हो तो बंदूक का इस्तेमाल करने से भी नहीं हिचकें।

भारत सरकार के इस कदम के बाद चीन दोनों देश के बीच हुए शांति समझौतों की दुहाई देने लगा है। ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक लेख में लिखा है, ‘भारत और चीन के बीच में 1996 और 2005 में दो समझौते हुए। इसके तहत दोनों देश की सेना एक दूसरे के खिलाफ सैन्य क्षमता का उपयोग वहीं करेगा।’ ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि 15 जून को हुए झड़प के दौरान भी इसका ध्यान रखा गया था।

ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, ‘भारत दोनों देशों के सबसे महत्वपूर्ण समझौतों को तोड़ सकता है और इससे दोनों सैनिकों के आपसी अविश्वास को गंभीरता से बढ़ेगा और अवांछित सैन्य संघर्षों की संभावना बढ़ जाएगी। यह दोनों पक्षों के विदेश मंत्रियों द्वारा गालवान घाटी में स्थिति को शांत करने के लिए पहुंची सहमति के भी खिलाफ है।’

ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा, ‘उन्हें पता होना चाहिए कि 1962 में दोनों देश लगभग बराबर ताकत के थे, लेकिन आज चीन की जीडीपी भारत की तुलना में पांच गुना है। चीन का रक्षा बजट भारत से तीन गुना अधिक है। चीन एक अत्यधिक औद्योगिक देश है, जबकि भारत अभी भी औद्योगिकीकरण के प्राथमिक चरण में है। चीन के अधिकांश उन्नत हथियारों को घरेलू स्तर पर निर्मित किया जाता है लेकिन भारत के सभी उन्नत हथियार आयात किए जाते हैं।’