मुख्यमंत्री ने बाढ़ के दृष्टिगत अधिकारियों को पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिये

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(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ के दृष्टिगत अधिकारियों को पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि मौसम विभाग द्वारा राज्य में मानसून के पुनः सक्रिय होने की जानकारी दी गयी है। सीमावर्ती राज्यों द्वारा बैराजों से पानी छोड़े जाने के कारण प्रदेश की विभिन्न नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है। ऐसे में राज्य के विभिन्न जनपदों में सम्भावित बाढ़ के दृष्टिगत राहत और बचाव के व्यापक प्रबन्ध किये जाएं।

यह जानकारी आज यहां देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आमजन को तत्काल मदद पहुंचाई जाए। राहत पैकेट के वितरण में देरी न हो। राहत शिविरों में प्रकाश आदि का पर्याप्त प्रबन्ध होना चाहिए। आपदा कण्ट्रोल रूम को चौबीस घण्टे क्रियाशील रखा जाए। समस्त अतिसंवेदनशील तटबन्धों पर प्रभारी अधिकारी, सहायक अभियन्ता स्तर के नामित किए जा चुके हैं, यह चौबीस घण्टे अलर्ट मोड में रहें। लगातार पेट्रोलिंग करके तटबन्धों का निरीक्षण एवं सतत निगरानी की जाए।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न जलजनित/मच्छर जनित बीमारियों के प्रसार की आशंका होती है। साथ ही, सर्पदंश की घटनाएं बढ़ने की भी सम्भावना रहती है। ऐसे में राहत शिविरों के समीप स्वास्थ्य शिविर संचालित किये जाएं। यहां एण्टी वेनम इंजेक्शन की उपलब्धता जरूर रहे। आशा कार्यकर्त्री/ए0एन0एम0 द्वारा ओ0आर0एस0 पैकेट का वितरण किया जाए। महिलाओं/किशोरियों को डिगनिटी किट वितरित की जाए।

सभी जिलों में राजस्व और कृषि विभाग की टीम गहन सर्वेक्षण करते हुए नुकसान का आकलन करे, ताकि किसानों को क्षतिपूर्ति की जा सके। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुधन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में पशुचारे का पर्याप्त प्रबन्ध किया जाए। सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य हेतु आवश्यकतानुसार एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0/पी0ए0सी0 तथा गोताखोर टीमों की तैनाती की जाए। नदियों के जलस्तर की सतत निगरानी की जाए। मौसम सम्बन्धी पूर्व चेतावनी का अलर्ट सिस्टम द्वारा प्रचार-प्रसार किया जाए।

प्रदेश में बाढ़ की आशंका को देखते हुए 2,288 बाढ़ चौकियां तथा 2,073 शरणालय चिन्हित किये गये हैं। राहत व बचाव कार्यां के लिए 8,192 नावें चिन्हित की गयी हैं। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 953 स्वास्थ्य शिविर तथा 1,044 स्वच्छता टीमें बनायी गयी हैं। 48,25,751 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है।