(www.arya-tv.com) मानसूत्र सत्र से पहले अखिलेश यादव पैदल मार्च के लिए सड़क पर आए। उनके साथ सपा के विधायक और संगठन पदाधिकारी भी पैदल मार्च में शामिल हुए। मगर इस पैदल मार्च को पुलिस ने उनके आवास पास रोक दिया। इस पर विधायक और कार्यकर्ताओं के साथ धक्का मुक्की भी हुई।
पुलिस के मुताबिक, सपा नेताओं ने पहले से तय रूट को फॉलो नहीं किया है। इसके बाद अखिलेश यादव अपने आवास के पास ही सड़क पर बैठ गए हैं। यही धरना-प्रदर्शन शुरू हो गया। वहीं सपा नेता पुलिस पर उनकी आवाज दबाने का आरोप लगाते रहे। उनके हाथ में तख्तियां थीं। इस पर बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों के स्लोगन लिखे हुए हैं। करीब दो घंटे तक गहमा-गहमी के बाद अखिलेश अपने कार्यालय के लिए वापस लौट गए।
‘कोई ऐसा विभाग नहीं, जिसे बीजेपी बेच न रही हो’
अखिलेश ने प्रदर्शन के दौरान कहा,”यूपी में योगी सरकार को दोबारा मौका मिला है। मगर सड़क पर हर तरफ गड्ढे हैं। बाढ़, जलभराव से किसान परेशान है। कुछ हिस्सों में सूखा पड़ा है। किसानों को राहत नहीं दी गई है। बड़े पैमाने पर जानवर बीमारी से मर रहे है। लंपी वायरस की वजह से हजारों गाय की मौत हो चुकी है। मगर सरकार नहीं सुन रही है। महंगाई देखिए कितनी हो गई है। दूध-दही पर GST लगा दी है। खाने-पीने की चीजें महंगी होती जा रही है। नौकरी नहीं दे पा रहे हैं। प्राइवेटलाइजेशन करना कोई विकल्प नहीं होता। कोई ऐसा विभाग नहीं, जो सरकार बेच न रही हो।
ऐसा कैसी सरकार, जो सदन में नेताओं को जाने नहीं दे रही
एक सेना ही बची थी, लेकिन कोरोना में अग्निवीर लेकर आ गए हैं। बिजली महंगी हो चुकी है। इसलिए सपा विधायक धरना देना चाहते थे। सरकार ने रोक दिया। आज हम पैदल फिर निकले थे। मगर सरकार ने फिर रोक लिया। ऐसा कैसी सरकार है। इतने वरिष्ठ नेताओं को सदन में ही जाने देना चाहती है। सरकार हर मुद्दे पर असफल है, इसलिए सरकार नहीं चाहती कि हम वहां पहुंचे और जनता के आवाज उठाए।
मानसून सत्र में मरने वाले विधायकों को श्रद्धांजलि
वहीं, विधानसभा में मानसून सत्र को समय पर शुरू किया गया। सीएम योगी ने कोरोना काल में मरने वाले विधायकों को श्रद्धांजलि दी। लखीमपुर खीरी की गोला सीट से विधायक अरविंद गिरि को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद मानसून सत्र को स्थगित कर दिया गया।
CM योगी ने कहा-सपा से नियम की उम्मीद नहीं
अखिलेश के प्रदर्शन पर सीएम योगी ने कहा,”किसी भी दल को या किसी भी व्यक्ति को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखने में कोई बुराई नहीं है। अगर अखिलेश ने नियम अनुसार पुलिस से परमिशन मांगी होगी तो उन्हें जरूर मिलेगी। सपा से उम्मीद करना कि वो किसी नियम या शिष्टाचार को मानेंगे। ये एक कपोल कल्पना ही है।
तय रूट फॉलो नहीं करने पर पैदल मार्च रोका
सपा विधायक पार्टी कार्यालय से चलकर राजभवन के सामने से होते हुए GPO स्थित गांधी प्रतिमा के सामने से गुजरने वाले थे। वहां से विधायक हजरतगंज चौराहे से लोक भवन के सामने विधानभवन के अंदर गेट नंबर एक से प्रवेश करना था। पुलिस का आरोप था कि सपा नेताओं ने तय रूट को फॉलो नहीं किया।सपा के पैदल मार्च पर योगी कैबिनेट के स्वतंत्र प्रभार और वन मंत्री अरुण सक्सेना ने कहा,”अखिलेश के पास कोई मुद्दा नहीं है। लंबे समय से वो पैदल नहीं चले हैं। उन्हें पैदल चलना भी चाहिए। स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। विधानसभा के अंदर अगर उनके सवाल होंगे, तो उनके जवाब दिए जाएंगे।”