(www.arya-tv.com)बुधवार को देश की नजरें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और किसान नेताओं के बीच चल रही अहम बैठक पर टिकी थीं। ये बैठक खत्म भी नहीं हुई थी कि एक बजते-बजते आई एक खबर ने देश को सकते में डाल दिया। लोगों की निगाहें मोबाइल स्क्रीन और टीवी पर टिक गईं।
लोग दुआ कर रहे थे कि सब ठीक हो
खबर ही ऐसी थी जिस पर यकीन करना आसान नहीं था। भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी टीम का हेलिकॉप्टर दक्षिण भारत के कन्नूर में क्रैश हो गया था। भारत सरकार या भारतीय सेना की तरफ से कोई अधिकारिक जानकारी नहीं दी गई थी। उस वक्त तक लोग दुआ कर रहे थे कि सब ठीक हो।
दोपहर एक बज कर 53 मिनट पर भारतीय वायु सेना ने ट्वीट के जरिए जानकारी दी कि, ‘भारतीय वायुसेना का हेलिकॉप्टर MI- 17 कन्नूर के पास हादसे का शिकार हो गया है। जनरल बिपिन रावत इसमें सवार हैं। हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच घोषित कर दी गई है।’
किसी के बचने की उम्मीद बहुत कम
वो खबर सच हो गई थी जिसके झूठ होने की दुआ पूरा देश कर रहा था, लेकिन अब भी जनरल रावत की सेहत के बारे में ठोस जानकारी नहीं थी। मीडिया और चश्मदीदों के हवाले से पता चल रहा था कि हादसा भीषण है और किसी के बचने की उम्मीद बहुत कम है। फिर भी लोग ये आस लगाए बैठे थे कि कोई चमत्कार हो और खबर आए कि जनरल रावत जिंदा हैं।
भारतीय वायुसेना ने की जनरल रावत की मौत की पुष्टि
लोग जानकारी के लिए सरकार की तरफ देख रहे थे। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह संसद में बोले, लेकिन जनरल रावत की सेहत को लेकर कुछ नहीं कहा। कयासों और आशंकों के बीच, धुंधली ही सही, एक उम्मीद थी कि देश का जनरल जिंदा है, लेकिन शाम 6.03 मिनट पर भारतीय वायुसेना ने अपने बयान में जनरल रावत की मौत की पुष्टि कर दी। वायुसेना ने कहा, ‘गहरे दुख के साथ, अब इस बात की पुष्टि हो गई है कि जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य लोग जो हेलिकॉप्टर पर सवार थे, उनकी इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में मौत हो गई है।’
इसके ठीक 26 मिनट बाद शाम 6 बजकर 29 मिनट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनरल रावत की मौत पर दुख प्रकट किया। इसके बाद देश और दुनिया में शोक की जो लहर शुरू हुई वो अब भी जारी है। इजराइल, चीन, पाकिस्तान, रूस, अमेरिका और दुनिया भर के नेताओं और सेना प्रमुखों ने जनरल रावत की मौत पर दुख और अफसोस जाहिर किया।
भारत कई मोर्चों पर चुनौतियों से जूझ रहा है
गम में डूबा भारत अभी अपने नुकसान का सही अंदाजा नहीं लगा पाया है। भारत के सैनिक नंबर वन ने ऐसे समय में दुनिया छोड़ी है, जब भारत कई मोर्चों पर चुनौतियों से जूझ रहा है। एक तरफ चीन के साथ सीमा पर तनाव है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान भारत में अशांति फैलाने के मौके की तलाश में है। अफगानिस्तान में तालिबान ने सिर उठा लिया है जिसका असर भारत की सुरक्षा पर पड़ना तय है।
भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना के कमांडर जनरल बिपिन रावत ने भारतीय सेना में बदलाव के दौर का प्रतिनिधित्व किया। उनके नेतृत्व में भारतीय सैनिकों ने चीन के सैनिकों की आंख में आंख डालकर देखा। रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीदकर अमेरिका के दबाव को धता बता दिया। राफेल लड़ाकू विमान हासिल किए। अपनी सैन्य जरूरतों को ग्लोबल पॉलिटिक्स और कूटनीति पर तरजीह दी