शिमला में भूस्खलन के बाद हाहाकार! मलबे में दबा मकान, पिता-पुत्री की गई जान

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उत्तर भारत में बारिश का कहर जारी है. हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने एक बार फिर तबाही मचाई है. इस बार शिमला में तबाही मची है. शिमला जिले में पिछले 20 घंटों से जारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. जगह-जगह भूस्खलन और सड़कें बंद होने से लोग घरों में ही कैद होकर रह गए हैं.

शिमला के जुंगा और कोटखाई क्षेत्रों में भूस्खलन की दो अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई है. तहसील जुंगा के पटवार हल्का डबल्यू के उप-मोहल जोड़ में 31 अगस्त देर रात एक दर्दनाक हादसा हुआ.

यहां रहने वाले वीरेंद्र कुमार (35) पुत्र स्व. जय सिंह का मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया. देखते ही देखते पूरा मकान मलबे में तब्दील हो गया. इस हादसे में वीरेंद्र कुमार और उनकी 10 साल की बेटी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि घर में बंधे मवेशी भी दब गए. हादसे के समय वीरेंद्र कुमार की पत्नी घर के बाहर थीं, जिससे उनकी जान बच गई.

कोटखाई में मकान ढहा, बुजुर्ग महिला की मौत

हिमाचल प्रदेश में 1 सितंबर की सुबह शिमला जिले के कोटखाई उपमंडल के गांव चोल, डाकघर आदर्श नगर में भी भारी बारिश के कारण मकान के पीछे भूस्खलन आने से बड़ा हादसा हो गया. भूस्खलन से मकान अचानक ढह गया और उसमें रहने वाली बुजुर्ग कलावती पत्नी बलवंत सिंह मलबे में दब गईं. स्थानीय लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें बाहर निकाला, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.

लगातार हो रही बारिश से शिमला जिले में यातायात ठप हो गया है. कई संपर्क मार्ग बंद हैं और बिजली-पानी की आपूर्ति भी बाधित हो रही है. सुरक्षा कारणों से शिमला सहित 10 जिलों में 1 सितंबर को सभी शिक्षण संस्थान बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं.

बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आज प्रदेश के कई जिलों के लिए बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. अगले 24 घंटों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है. इस दौरान कहीं-कहीं बादल फटने जैसी घटनाएं भी हो सकती हैं. विभाग ने लोगों को नदी-नालों के किनारे और भूस्खलन प्रवण क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी है.

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक इस मानसून सीजन में 320 लोगों की मौत हो चुकी है. मंडी में 51, कांगड़ा में 49 और चंबा में 36 लोगों की जान गई है. अब तक 4098 घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिनमें से 844 पूरी तरह ढह गए हैं. अकेले मंडी जिले में 1592 मकानों को नुकसान हुआ है. इसके अलावा 471 दुकानें और 3710 पशुशालाएं भी तबाह हो चुकी हैं. अब तक 3056 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान दर्ज किया गया है. मानसून सीजन में प्रदेश में अब तक बादल फटने की 45, भूस्खलन की 95 और फ्लैश फ्लड की 91 घटनाएं हो चुकी हैं.