अखिलेश-ओवैसी के खिलाफ FIR याचिका पर सुनवाई आज:कोर्ट ने तलब किए आरोपी और वादी

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(www.arya-tv.com)  समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी सहित अन्य खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने से संबंधित मामले की आज सुनवाई होगी। अपर सत्र न्यायाधीश नवम विनोद यादव की अदालत में विचाराधीन केस में कार्रवाई आगे बढ़ेगी। अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते पिछले दिनों यह मामला टल गया था, जिसके बाद आज वादी और प्रतिवादियों को जज ने तलब किया है। वहीं टिप्पणी पर आरोपियों से जवाब मांगा है। अखिलेश यादव और ओवैसी के वकील आज कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे।

एडीजे की कोर्ट में दााखिल याचिका में पूर्व सीएम अखिलेश यादव और सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर आरोप है कि ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान शिवलिंग जैसी आकृति मिली थी। सपा प्रमुख और एआईएमआईएम नेता ने टिप्पणी की थी। इससे हिंदुओं की आस्था को चोट पहुंची थी। अब मामले में निगरानी याचिका दाखिल करके कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। अखिलेश यादव-ओवैसी समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की याचिका पर आज फैसले की संभावना है। इसको लेकर दोनों अधिवक्ता कोर्ट में लिखित जवाब दाखिल करेंगे जिसके बाद जज मामले में अग्रिम कार्रवाई के लिए आदेशित करेंगे।

अखिलेश और ओवैसी ने क्या कहा था?

अपर जिला जज (नवम) की अदालत में प्रतिवादी पक्ष यानी अखिलेश यादव, असदुद्दीन ओवैसी पर सिविल कोर्ट के एडवोकेट हरिशंकर पांडेय का आरोप है कि वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग को लेकर इन लोगों ने धार्मिक भावनाएं आहत करने वाला बयान दिया था। अखिलेश यादव कहा था, “पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रख कर झंडा लगा दो तो वही भगवान और शिवलिंग हैं। जबकि असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था, “हम अब किसी और मस्जिद को खोने नहीं देंगे, ज्ञानवापी फैसला पूजा स्थल अधिनियम 1991 के खिलाफ है। ये भविष्य में ऐसे बहुत से मसलों को खोल देगा। देश में अस्थिर प्रभाव पैदा कर सकता है।” ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग पर अखिलेश और ओवैसी ने टिप्पणी की थी।

निचली अदालत निरस्त कर चुकी है प्रार्थना पत्र

वकील हरिशंकर पांडेय ने अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी समेत अन्य पर एसीजेएम (एमपी-एमएलए) कोर्ट में एक वाद दाखिल किया था। बयानबाजी मामले में चौक थाने पर मुकदमा दर्ज करने की मांग को 4 फरवरी को एसीजेएम एमपी-एमएलए कोर्ट ने निरस्त कर दिया था।

जिसके बाद हरिशंकर पांडेय अखिलेश और ओवैसी के बयान के खिलाफ 11 मार्च को जिला जज की कोर्ट में रिवीजन पिटिशन (पुनरीक्षण याचिका) दाखिल किया था। इसे स्वीकार कर पहली सुनवाई 25 मार्च को हुई, फिर 17 जून, 7 जुलाई और 20 जुलाई, 16 अगस्त, 22 अगस्त, 12 सितंबर को सुनवाई हुई। अब अगली सुनवाई आज होगी।