शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की जमानत अर्जी मंजूर

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(www.arya-tv.com)  ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की नियमित जमानत अर्जी पर शुक्रवार को वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई हुई। अदालत ने उनकी जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। प्रकरण 7 साल पहले वाराणसी में अन्याय प्रतिकार यात्रा के दौरान हुए बवाल से जुड़ा हुआ है। इससे पहले फरार घोषित होने के कारण गुरुवार को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती वाराणसी की MP-MLA कोर्ट में हाजिर हुए थे।

लेकिन, कोर्ट रिक्त होने के कारण वो जिला जज की कोर्ट में सरेंडर किए थे। कोर्ट ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की अंतरिम जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था। उनकी नियमित जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 23 दिसंबर की डेट फिक्स की थी।

वाराणसी की MP-MLA कोर्ट ने ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए उनकी संपत्ति की कुर्की का आदेश पुलिस को दिया था। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में पुलिस की कार्रवाई की रिपोर्ट ADCP काशी जोन राजेश कुमार पांडेय पेश करें। इसी के मद्देनजर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की नियमित जमानत अर्जी पर आज सुनवाई हुई।

5 अक्टूबर 2015 को हुआ था बवाल
गंगा में गणेश प्रतिमा के विसर्जन पर अड़े लोगों पर हुए लाठीचार्ज के खिलाफ स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने 5 अक्टूबर 2015 को मैदागिन के टाउनहाल से गोदौलिया तक अन्याय प्रतिकार यात्रा निकाली थी। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के आगे-आगे भी एक जत्था चल रहा था।

पुलिस के अनुसार, शाम लगभग 4:30 बजे गोदौलिया चौराहे पर खड़ा एक सांड भड़क गया और गिरजाघर चौराहे की ओर भागा। इसके बाद वहां भगदड़ मच गई। भगदड़ देख चौक से गोदौलिया की ओर बढ़ रही अन्याय प्रतिकार यात्रा में शामिल लोग भी भागने लगे। उन्हें लगा कि पुलिस ने यात्रा रोकी है और लाठीचार्ज कर दिया है।

उसी बीच मौका पाकर उपद्रवियों ने पहले पुलिस बूथ फिर एक सरकारी जीप में आग लगा दी। बूथ में लगी आग इतनी भयावह थी कि उसकी लपटों ने ठीक पीछे तांगा स्टैंड को भी अपनी चपेट में ले लिया। इसमें एक मजिस्ट्रेट की जीप, फायर ब्रिगेड की गाड़ी व पुलिस की वैन और लगभग दो दर्जन बाइक आग के हवाले कर दी गईं।

उस दौरान गोदौलिया तांगा स्टैंड पर कहीं से दो पेट्रोल बम भी फेंके गए। इससे आग और तेजी से फैली। वहीं, उस दौरान हुए पथराव में तत्कालीन एडीएम, सिगरा थानाध्यक्ष, पीएसी का एक जवान और एक न्यूज चैनल का फोटोग्राफर बुरी तरह घायल हो गए। उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पहले लाठियां पटकीं। फिर, आंसू गैस और रबड़ बुलेट का इस्तेमाल किया। हवाई फायरिंग भी की गई।दशाश्वमेध थाने में दर्ज हुआ था केस
इस घटना को लेकर दशाश्वमेध थाने में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। इस केस के अन्य आरोपियों में सतुआ बाबा आश्रम के महंत संतोष दास, पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास, पूर्व विधायक अजय राय, मंडुवाडीह थाने के हिस्ट्रीशीटर पंकज सिंह उर्फ डब्ल्यू राय, अरुण पाठक, अजय चौबे, अमरनाथ यादव उर्फ डब्बल, असित दास समेत अन्य लोग हैं।