ज्ञानवापी-मां शृंगार गौरी केस की सुनवाई आज दोपहर होगी: मसाजिद कमेटी जवाबी बहस जारी रखेगी

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(www.arya-tv.com)  ज्ञानवापी-मां शृंगार गौरी प्रकरण की सुनवाई आज लगातार दूसरे दिन वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में होगी। सोमवार को अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से वादिनी महिलाओं की दलीलों पर जवाबी बहस की गई थी। एडवोकेट शमीम अहमद ने साक्ष्य और कागजात पेश कर कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद वक्फ की संपत्ति है।

इसलिए ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित मसले की सुनवाई का अधिकार सिविल कोर्ट को नहीं है, बल्कि वक्फ बोर्ड को है। मसाजिद कमेटी आज भी अपनी जवाबी बहस जारी रखेगी। उसके बाद वादिनी महिलाओं के एडवोकेट मसजिद कमेटी की जवाबी बहस का प्रतिउत्तर देंगे।

उधर, वादिनी महिलाओं के एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने कहा कि मसाजिद कमेटी ने पहली बार स्वीकार किया कि मंदिर औरंगजेब द्वारा अधिग्रहीत किया गया था। उनका मानना है कि औरंगजेब भारत का शासक था। हम ज्ञानवापी मामले में वक्फ संपत्ति की धोखाधड़ी का पर्दाफाश करने जा रहे हैं। मुस्लिमों का कहना है कि यह संपत्ति वक्फ नंबर 100 के रूप में रजिस्टर्ड है। यह सदी का सबसे बड़ा धोखा है।

पिछली सुनवाई में लगा था जुर्माना

18 अगस्त को मां शृंगार गौरी केस की सुनवाई में कोर्ट में मसाजिद कमेटी की ओर से कहा गया था कि उनके दिवंगत अधिवक्ता अभय नाथ यादव की जगह अब मुकदमे की पैरवी एडवोकेट योगेंद्र प्रसाद सिंह उर्फ मधु बाबू और शमीम अहमद करेंगे। दोनों एडवोकेट को मुकदमे को समझने और तैयारी के लिए 10 दिन का अतिरिक्त समय दिया जाए।

इस पर अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 22 अगस्त निर्धारित करते हुए कहा कि अब इससे ज्यादा समय तैयारी के लिए नहीं दिया जाएगा। सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में की जा रही है। इसे विलंबित नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही अदालत ने मसाजिद कमेटी पर लेट-लतीफी के लिए 500 रुपए का जुर्माना लगाया था।

एक साल पहले दाखिल हुआ था केस

मां शृंगार गौरी से जुड़ा हुआ मुकदमा सिविल कोर्ट में 18 अगस्त 2021 को राखी सिंह, सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक ने दाखिल किया था। मुकदमे की सुनवाई करते हुए सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश दिया था।

एडवोकेट कमिश्नर के सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष ने दावा किया कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में आदि विश्वेश्वर का शिवलिंग मिला है। वह एक अहम साक्ष्य है, इसलिए उसे संरक्षित किया जाए। हिंदू पक्ष के दावे पर कोर्ट ने वजूखाने को सील करने का आदेश दिया था।

मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में सर्वे के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि मुकदमे की सुनवाई जिला जज की कोर्ट करे। जिला जज की कोर्ट यह देखे कि मां शृंगार गौरी का मुकदमा सुनवाई योग्य है या नहीं है।