हेल्थ इंश्योरेंस आप​की जरूरत पड़ने पर आपका सबसे भरोसेमंद दोस्त

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(www.arya-tv.com) भागदौड़ से भरी मौजूदा जीवनशैली में अस्वास्थ्यकर भोजन, व्यायाम में लापरवाही और निष्क्रियता आम होती जा रही हैं। इन सभी की परिणति ने कई बीमारियों को जन्म दिया है, जिनमें से डायबिटीज भी एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक अनुमान के अनुसार, दुनियाभर में लगभग 425 मिलियन लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। आज हम बता रहे हैं।

कि यह बीमारी किस तरह आम आदमी के लिए आर्थिक तनाव का वजह बन रही है और कैसे इसके इलाज के दौरान हेल्थ इंश्योरेंस आपकी जेब पर पड़ता भार कम कर सकता है। संजय दत्ता, चीफ – अंडरराइटिंग, क्लेम, रीइंश्योरेंस और एक्च्युअरी, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस के अनुसार , डायबिटीज जानलेवा साबित हो रही है।

इंटरनेशनल डायबिटीज फैडरेशन (आईडीएफ) के आंकड़ों के अनुसार, मधुमेह या इसकी जटिलताओं से हर 7 सेकंड में एक शख्स के मरने का अनुमान है, इनमें से 50 फीसदी से अधिक मौतें 60 वर्ष से कम उम्र में होती हैं।

भारत में, 2017 में मधुमेह के 72 मिलियन मामलों का अनुमान लगाया गया था, और इस संख्या के वर्ष 2040 तक 123 मिलियन को छूने का अनुमान है। दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत के खतरनाक परिदृश्य में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी) की एक स्टडी में मधुमेह रोगियों के 33 फीसदी को डायबिटीज की देखभाल पर अपने परिवार की आय का 5 फीसदी से अधिक खर्च करते पाया गया।

स्टडी में यह भी पता चला कि सरकारी स्वास्थ्य सुविधा में बीमारी के उपचार करवाने पर भी वंचित लोगों के सालाना लगभग 8,958 रुपए खर्च हो जाते हैं। मधुमेह की देखभाल की तेजी से बढ़ती लागत: हाल के वर्षों में मधुमेह देखभाल की लागत कई गुना बढ़ गई है। डायबिटीज के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सबसे आम दवा इंसुलिन की कीमत सीमा से बाहर चली गई है।

यह पता चला है कि पिछले एक साल में चुनिंदा इंसुलिन की कीमतें 20 फीसदी बढ़ गई हैं। इससे उन परिवारों पर वित्तीय बोझ बढ़ गया है जिनके सदस्य इस बीमारी से पीड़ित हैं। चूंकि मधुमेह को लंबे समय तक देखभाल की आवश्यकता होती है, इसलिए खर्चों के बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मधुमेह स्ट्रोक और गुर्दे की बीमारी जैसी महत्वपूर्ण बीमारियों की आशंका को बढ़ाती है। इन बीमारियों के उपचार में आपकी बचत देखते ही देखते साफ हो सकती है।

स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से उपचार की उच्च लागतों का सामना करना: मधुमेह के खिलाफ लड़ाई में, आपको एक वित्तीय सहयोगी की आवश्यकता होती है और इस मामले में एक व्यापक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी आपकी सहायता के लिए आगे आ सकती है। यह न केवल यह बीमारी से निपटने के लिए जेब से निकलते खर्च में कमी करती है बल्कि धन की कमी की चिंता किए बिना अपने पसंदीदा अस्पताल में उच्च कोटि के उपचार प्राप्त करने का अवसर भी प्रदान करती है।ऐसा इसलिए है क्योंकि स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं का अस्पतालों के साथ टाईअप है।

जहां आप कैशलेस उपचार का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा, यदि आप एक गैर-नेटवर्क वाले अस्पताल में इलाज कराते हैं, तो खर्चों की प्रतिपूर्ति की जाती है। इसके अतिरिक्त, अधिकांश स्वास्थ्य बीमा योजनाएं, पूर्व और बाद के अस्पताल के खर्चों को कवर करती हैं, जो यह सुनिश्चित करता है कि आपको इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण वित्तीय लक्ष्यों को लागू करते हुए, अपनी बचत में कमी नहीं करनी चाहिए। आज, डायबिटीज के लिए टेलरमेड हेल्थ इंश्योरेंस हैं जिनका आप लाभ उठा सकते हैं। यदि आप पर्सनलाइज्ड डायबिटीज प्लान के लिए चुनाव कर रहे हैंं

तो दावा निपटान अनुपात की जांच करें। एक उच्च अनुपात के साथ एक बीमाकर्ता के लिए चयन करने से आपके दावे के निपटान के अवसर बेहतर बनते हैं। उदाहरण के लिए, 2018-19 की अवधि के दौरान, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस ने मधुमेह से संबंधित 81.87 फीसदी दावों का निपटान किया। ध्यान दें कि नियमित हेल्थ प्लान एक निश्चित समय के बाद बीमारी को कवर करते हैं, जिसे प्रतीक्षा अवधि के रूप में जाना जाता है।

यदि आपको मधुमेह है और तत्काल कवरेज चाहते हैं, तो पता करें कि क्या आप अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान करके इसे रेग्युलर प्लान में जोड़ सकते हैं। ध्यान देने योग्य आवश्यक बातें: हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदते समय, इंश्योरेंस एग्रीगेटर पोर्टल पर विभिन्न पाॅलिसियों की तुलना करें। इसके अलावा, इन पोर्टलों में से अधिकांश में एक प्रीमियम कैलकुलेटर होता है जो आपको लागू प्रीमियम की गणना करने की अनुमति देता है। आप विभिन्न योजनाओं के बारे में कस्टमर रिव्यू भी पढ़ सकते हैं और यहां तक कि सही चाॅइस तय करने के लिए विशेषज्ञों से भी सलाह ले सकते हैं।

हेल्थ इंश्योरेंस पाॅलिसी, चाहे आप ऑफलाइन खरीदें या ऑनलाइन, प्रपोजल फॉर्म को सही ढंग से भरना सुनिश्चित करें। अपनी वर्तमान स्वास्थ्य स्थितियों की सही जानकारी दें क्योंकि जानकारी छुपाने से क्लेम खारिज हो सकता है। पॉलिसी के नियमों और शर्तों को अच्छी तरह से पढ़ें और उच्च बीमा राशि का विकल्प चुनना सुनिश्चित करें। यह पता लगाना भी महत्वपूर्ण है कि पॉलिसी में कोई को-पे और सब-लिमिट क्लाॅज हैं या नहीं।

जबकि एक को-पे क्लाॅज का मतलब है कि आपको अपनी जेब से दावे की राशि के एक निश्चित हिस्से का भुगतान करना होगा जबकि सब-लिमिट, कमरे के किराए और डॉक्टर के परामर्श शुल्क पर किए गए खर्चों सहित अन्य खर्चों की सीमा तय करती है। बिना को-पे और सब-लिमिट क्लाॅज वाला एक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान उनके साथ वाले प्लान की तुलना में अधिक प्रीमियम मांगता है। सारांश में:भारत में बड़े पैमाने पर मधुमेह की महामारी फैलने के खतरे के चलते इस बीमारी के खिलाफ अपने खर्च को भी संभालने की आवश्यकता बलवती हो रही है। आप व्यापक स्वास्थ्य बीमा योजना की मदद से ऐसा आसानी से कर सकते हैं।

आप एक पर्सनल कवर का विकल्प चुन सकते हैं, वहीं फैमिली फ्लोटर प्लान का लाभ उठाना कहीं अधिक सही रहेगा जो कि आपके परिवार के सभी सदस्यों को कवरेज देता है। साथ ही स्वस्थ जीवन शैली अपनाने से मधुमेह को दूर रखा जा सकता है। इसके अलावा, नियमित रूप से परीक्षण के लिए जाने से प्रारंभिक अवस्था में बीमारी का पता लगाने में मदद मिल सकती है और इससे पहले कि यह बढ़ जाए, निवारक उपाय करें।