घुटनों का ट्रांसप्लांट कराना है, रोबोटिक सर्जरी से होगा फायदा

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(www.arya-tv.com) बढ़ती उम्र के साथ-साथ देश में घुटनों से जुड़ी हुई समस्या तेजी से बढ़ रही है. बुजुर्ग लोगों के घुटनों में दर्द रहता है. जिसके लिए उनके पास केवल एक ही विकल्प होता है कि घुटनों का ट्रांसप्लांट कराए, वह भी मैनुअल तरीके से. लेकिन आज मेडिकल साइंस में खूब तरक्की कर ली है. आप रोबोटिक सर्जरी से सटीक घुटनों का सटीक ट्रांसप्लांट करा सकते हैं. वह भी बेहद कम खर्चों में. मेडिकल साइंस में चमत्कार से कम नहीं है.

देश के जाने माने डॉ. सुजॉय भट्टाचार्जी ने घुटनों व पैरों के रखरखवा के तौर तरीके बताएं. साथ ही घुटनों की रोबोटिक सर्जरी की खूबियां और खासियत के बारे में बताया. उन्होंने आगरा की 80 वर्ष की शांति देवी का एक साथ दोनों पैरों का रिप्लेसमेंट वह भी रोबोटिक सर्जरी से किया मेडिकल साइंस में से चमत्कार से कम नहीं देखा जा रहा कि जब एक रोबोट ने 80 साल की महिला के घुटनों के ऑपरेशन वह भी एक साथ किए हो.

डॉक्टर ने दिए घुटनों को फिट रखने का मंत्र.
पैरों को जीवन भर बिना दर्द और तकलीफ के चलाना है तो हर रोज कम से कम धा घंटा साइकिल चलाइये. दर्द से राहत पाने के लिए पेन किलर खाना शरीर के अन्य अंगों के लिए घातक हो सकता है. पेन किलर का साइड इफेक्ट आंख, किडनी या लिवर को रोगी बना देता है. इसलिए पेनकिलर का सेवन करने से बचे, जरूरत हो तो डॉक्टर की सलाह पर ही पेन किलर खाएं शरीर और पैरों को स्वस्थ रखने का सबसे बेहतर तरीका अपनी जीवन शैली में बदलाव, व्यायाम और पौष्टिक आहार से अच्छा उपाय और कुछ नहीं. खान-पान को नियमित रखें बजन न बढ़ने दें. बढ़ती उम्र के साथ ही घुटनों का दर्द बढ़ गई लगता है ऐसी अवस्था में आरती पलटी मार करना बैठे .अगर घुटनों में सूजन है तो ज्यादा सीढ़ियां ना चढ़े. ज्यादा चलने से भी परहेज करें

मैन्युअल ट्रांसप्लांट से बेहतर है रोबोटिक ट्रांसप्लांट
सर्वोदय हॉस्पिटल फरीदाबाद के रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सेंटर के डॉ. सुजॉय भट्टाचार्जी ने रोबोटिक बाइलेटरल टोटल नी रिप्लेसमेंट की जानकारी दी गई. इस रोबोटिक सर्जरी से संबंध में कई तरीके की भ्रांतियां फैली हुई है. उन्हें दूर किया और रोबोटिक सर्जरी के फायदे भी गिनाए. डॉ. सुजॉय भट्टाचार्जी ने एक्टिव जॉइंट रोबोट सिस्टम का इस्तेमाल किया, जिससे एक ही सिटिंग में दोनों घुटनो की सर्जरी की जा सकती है.डॉ. सुजॉय ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी कई मायनो में बेहद एडवांस है. हाथों से किया गया ट्रांसप्लांट में एक बात को कुछ कमियां रह सकती है. लेकिन जो कमांड आप रोबोट को देंगे वह 100% इस पर काम करेगा और ऑपरेशन सक्सेसफुल रहते हैं. इसलिए मैन्युअल से अच्छा है रोबोटिक ट्रांसप्लांट कराए.