- चाय की चुस्की, दही बड़ों का स्वाद और व्यापारियों से संवाद : जीएसटी राहत पर सरोजनीनगर विधायक ने साझा की जनभावनाएँ
- राम के व्यक्तित्व से सीखें युवा : माँ और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर – डॉ. राजेश्वर सिंह
- रावण आज भी जीवित है – हिंसा, आतंकवाद और विघटनकारी प्रवृत्तियों के रूप में: डॉ. राजेश्वर सिंह
- रामलीला मंच से लेकर वर्षा जल संचयन तक – विजयदशमी पर डॉ. राजेश्वर सिंह ने दी 40 लाख से अधिक की सौगात
- रामत्व के पथ पर चलें युवा, संगठित भारत ही बन सकेगा अजेय – डॉ. राजेश्वर सिंह
लखनऊ। सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने विजयदशमी के अवसर पर स्थानीय व्यापारियों के बीच पहुँचकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हुए GST सुधारों के सम्बन्ध में चर्चा की और कहा कि इन सुधारों ने व्यापार को नई गति दी है तथा आमजन के लिए बचत और उत्साह का माहौल बनाया है।
वृहस्पतिवार को डॉ. सिंह अर्जुनगंज के व्यापारियों के बीच पहुँचे और इस अवसर पर अर्जुनगंज युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष प्रीतम मिश्रा जी के प्रतिष्ठान ‘विनायक मोबाइल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स’ का उद्घाटन कर शुभकामनाएँ प्रेषित कीं। इसी क्रम में शुक्रवार को भी आशियाना के व्यापारियों संग संवाद किया और उन्हें सम्मानित भी किया। इस दौरान उन्होंने ‘मंशा टी स्टॉल’ पर चाय की चुस्कियों का आनंद लिया और ‘आकाश कचौड़ी भंडार’ पर दही बड़ों की लजीज़ मिठास के साथ स्थानीय लोगों से बातचीत की, साथ ही शुभम ज्वेलर्स पर स्थानीय व्यापारियों ने विधायक का स्वागत किया।
- विजयदशमी और रावण दहन के विभिन्न कार्यक्रमों में सहभागिता
लखनऊ। विजयादशमी और रावण दहन के पावन पर्व पर सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने लखनऊ के विभिन्न स्थलों पर आयोजित सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों में सहभागिता की और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्शों का स्मरण कर जनता का आह्वान किया कि वे अधर्म, अत्याचार और विघटनकारी प्रवृत्तियों के विरुद्ध संगठित हों तथा राष्ट्र निर्माण के संकल्प में सहभागी बनें।
1. सरसवां – अर्जुनगंज मंडी स्थल पर श्री शक्ति रामलीला मंचन समिति द्वारा आयोजित दशहरा मेले में रावण दहन कार्यक्रम में सम्मिलित होकर डॉ. सिंह ने कहा कि रावण केवल एक पौराणिक पात्र नहीं, बल्कि असत्य, अहंकार और अत्याचार का प्रतीक है। आज के युग में यह धर्मांतरण को बढ़ावा देने वाली, सनातन और मातृशक्ति विरोधी ताकतों के रूप में हमारे बीच मौजूद है। हमें इन्हें परास्त कर सत्य, धर्म और मर्यादा के पथ पर चलना होगा।
2. सेक्टर-8B, वृंदावन योजना स्थित त्र्यंबकेश्वर महादेव प्रांगण में गरबा नाइट में सम्मिलित होकर उन्होंने देवी दुर्गा के चरणों में नमन किया और कहा कि दुर्गा पूजा और विजयदशमी का पर्व स्मरण कराता है कि अहंकार का अंत और सत्य की विजय शाश्वत है। उन्होंने कहा कि आज का रावण जातिवाद, घुसपैठ, आतंकवाद और समाज को तोड़ने वाली ताकतों के रूप में जीवित है। जैसे माँ दुर्गा ने महिषासुर का संहार कर धर्म और न्याय की स्थापना की थी, वैसे ही हमें भी एकजुट होकर इन अधार्मिक शक्तियों का अंत करना होगा।
3. विनायकी तालाब, तेलीबाग स्थित सार्वजनिक पार्क में पर्वतीय रामलीला समिति द्वारा आयोजित 40वें रामलीला मंचन एवं रावण दहन में डॉ. सिंह ने पर्वतीय समाज की सांस्कृतिक भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि यह समाज सदैव सीमाओं और संस्कृति दोनों का प्रहरी रहा है। उन्होंने रामलीला मंचन के लिए टीन शेड निर्माण कराने की घोषणा भी की।
4. सेक्टर-F, एलडीए कॉलोनी स्थित रामलीला मैदान में 38वें दशहरा मेले में उन्होंने राम के आदर्शों को नमन कर कहा कि यह पर्व हमें अपने भीतर छिपे वासना, लोभ, क्रोध और अहंकार रूपी रावण का अंत करने और संगठित भारत निर्माण का संकल्प देता है। इस अवसर पर उन्होंने ₹10 लाख की लागत से बने बहुउद्देशीय कक्ष का लोकार्पण तथा प्रस्तावित Rainwater Harvesting System का शिलान्यास भी किया।
5. जय जगत पार्क, सेक्टर-D, एलडीए कॉलोनी में आयोजित 47वें दशहरा मेले में उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी वास्तव में सौभाग्यशाली है, जो पांच शताब्दियों के तप और संघर्ष का फल अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के रूप में देख रही है। इस अवसर पर ₹20 लाख की लागत से बनने वाले रामलीला मंच का शिलान्यास कर उन्होंने कहा कि यह स्थल आने वाली पीढ़ियों के लिए भक्ति और संस्कृति का केंद्र बनेगा।
6. इसी क्रम में सेक्टर-B, एलडीए कॉलोनी स्थित पार्क में संस्कार चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित 7वें दशहरा मेले में शामिल होकर डॉ. सिंह ने रामलीला मंचन की आध्यात्मिक आभा का अनुभव किया और मंच को और भव्य बनाने हेतु ₹10 लाख की लागत से नए मंच का शिलान्यास किया। साथ ही अतिरिक्त ₹10 लाख की राशि प्रदान करने का भी संकल्प लिया।
डॉ. राजेश्वर सिंह का संदेश –
डॉ. सिंह ने अपने सभी संबोधनों में यह स्पष्ट किया कि विजयदशमी का पर्व केवल उत्सव नहीं बल्कि संकल्प का दिवस है। उन्होंने कहा कि रावण आज भी समाज में हिंसा, आतंकवाद, जातिवाद, सांस्कृतिक विघटन और राष्ट्रविरोधी प्रवृत्तियों के रूप में मौजूद है। प्रभु श्रीराम और माँ दुर्गा के आदर्श हमें सिखाते हैं कि संगठित होकर हम किसी भी बुराई का अंत कर सकते हैं। आज के युग में ज्ञान, शिक्षा और तकनीक ही सबसे तीखी तलवार है, जिससे हमारी युवा पीढ़ी राष्ट्र को अजेय बना सकती है।