गोरखपुर यूनिवर्सिटी की बड़ी लापरवाही, मार्कशीट में इस गलती से हजारों स्टूडेंट परेशान

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(www.arya-tv.com) दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी के एग्जामिनेशन सेल की एक गंभीर गलती सामने आई है. यहां फाइनल ईयर के हजारों छात्रों की ऑनलाइन मार्कशीट बिना एनरोलमेंट नंबर के जारी कर दी गई है. इस लापरवाही के कारण यूनिवर्सिटी और कॉलेजों से जुड़े लगभग 5,000 से अधिक छात्र प्रभावित हुए हैं.

मीडिया रिपोर्ट के बाद जागा प्रशासन
गुरुवार को छात्रों की समस्याओं की खबर मीडिया में आने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन हरकत में आया. एग्जाम कंट्रोलर ऑफिस ने सभी संबंधित विभागों और कॉलेजों को तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया. प्रशासन ने साफ कहा कि जिन विभागों और कॉलेजों ने अब तक छात्रों के एनरोलमेंट नंबर नहीं भरे हैं उन्हें जल्द से जल्द यह काम पूरा करना होगा.

यूनिवर्सिटी का पोर्टल समय पर नहीं हुआ अपडेट
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बताया कि 23 जुलाई से 4 अगस्त के बीच नामांकन नंबर दर्ज करने के लिए पोर्टल पर लिंक खोला गया था ताकि मार्कशीट, डिग्री और अन्य आवश्यक सर्टिफिकेट्स के लिए जरूरी जानकारी उपलब्ध हो सके. हालांकि, कई विभाग और कॉलेज समय पर एनरोलमेंट नंबर अपडेट नहीं कर सके जिसके चलते मार्कशीट्स में यह गड़बड़ी हुई. यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रो. पूनम टंडन ने इस लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताई है.

7 सितंबर तक का समय
एग्जाम कंट्रोलर ने कॉलेजों और विभागों को 7 सितंबर तक का समय दिया है ताकि वे एनरोलमेंट नंबर अपडेट कर सकें. अगर इस समय सीमा के भीतर यह काम पूरा नहीं हुआ तो भविष्य में छपी मार्कशीट में किसी भी त्रुटि की जिम्मेदारी संबंधित विभाग और कॉलेजों की होगी. इसके साथ ही यूनिवर्सिटी ने स्पष्ट किया है कि समय पर एनरोलमेंट नंबर अपडेट न करने पर जुर्माना भी लगाया जाएगा. यह कॉलेजों को दिया गया तीसरा और अंतिम रिमाइंडर है.

कॉलेजों की आपत्ति
स्ववित्तपोषित कॉलेज प्रिंसिपल काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. कृष्ण मुरारी पाल ने इस निर्देश पर नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि कॉलेजों ने छात्रों के रजिस्ट्रेशन फॉर्म भर दिए थे और फीस भी जमा कर दी गई थी लेकिन अगर एजेंसी या IT सेल ने उसे अपडेट नहीं किया तो इसके लिए कॉलेजों को दोषी कैसे ठहराया जा सकता है.

छात्रों की बढ़ती समस्याएं
बिना एनरोलमेंट नंबर के जारी हुई मार्कशीट्स से छात्रों को माइग्रेशन, ट्रांसफर सर्टिफिकेट (TC) और कैरेक्टर सर्टिफिकेट (CC) लेने में भारी मुश्किलें आ रही हैं. इसके अलावा, सरकारी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन न हो पाने से उनकी परेशानी और भी बढ़ गई है. अब सभी की नजरें 7 सितंबर की डेडलाइन पर हैं.