बिहार में एक और घोटाला! राजेंद्र नगर बस स्टैंड की जमीन पर माफियाओं ने ठोका दावा, अरबों की भूमि पर कराई जमाबंदी

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(www.arya-tv.com)  बिहार में एक ओर जमीन सर्वे का काम तेजी से चल रहा है. वहीं दूसरी ओर जमीन सर्वे के कार्यों के बीच बिहार में एक और बड़े घोटाले की खबर सामने आई है. दरअसल बिहार गोपालगंज में जमीन सर्वे के बीच भू-माफियाओं की बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है, जहां नगर परिषद के राजेंद्र बस अड्डा की अरबों की कीमत वाली जमीन पर भू-माफियाओं ने अवैध जमाबंदी करा ली है. यह घोटाला तब सामने आया जब भू-माफियाओं ने सदर अंचल से सेटिंग कर मोटी रकम खर्च कर यह खेल किया.

बता दें, अंचल के दाखिल-खारिज केस नं.-360/1980-81 के तहत राजेंद्र नगर बस अड्डा की 85.9 कठ्ठा जमीन की जमाबंदी कराई गई है, जिस पर भू-माफियाओं ने दावा भी ठोका है. यह बस अड्डा पटना, मुजफ्फरपुर, गोरखपुर, मोतिहारी, बेतिया, सीवान, बनारस जैसे प्रमुख शहरों के लिए बसों की सेवाएं प्रदान करता है. अब जमीन सर्वे के बीच इस तरह जमीन घोटाला की खबरें सामने आने के बाद लोग हैरान हैं.

राजेंद्र नगर बस स्टैंड करीब 1 करोड़ की आमदनी

दरअसल राजेंद्र नगर बस अड्डा नगर परिषद के राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जिससे हर साल करीब एक करोड़ रुपये की आय होती है. नगर परिषद ने यहां 45 दुकानों का निर्माण कर उन्हें विभिन्न लोगों को आवंटित किया है. इसके अलावा, यात्री पड़ाव, नगर परिषद का लॉज और सुलभ शौचालय भी इसी जमीन पर स्थित हैं. अब भू-माफियाओं ने इसी जमीन की जमाबंदी कराकर इसे अपने नाम पर करा लिया है.

बस स्टैंड की जमीन पर ठोका दावा

मिली जानकारी के अनुसार कुचायकोट थाना क्षेत्र के सासामुसा के निवासी अजय दूबे ने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी राहुलधर दुबे को आवेदन देकर बस अड्डा की जमीन पर अपना दावा ठोका. नगर परिषद ने मामले की जांच के लिए सीओ से संपर्क किया. सीओ ने अपनी रिपोर्ट 6 अगस्त को नगर परिषद को सौंपते हुए पुष्टि की कि राजेंद्र नगर बस अड्डा की भूमि की जमाबंदी दाखिल-खारिज केस नं.-360/1980-81 के तहत की गई है, जिसमें पुराने जमाबंदी नं0-192 और 195 से घटाकर नया जमाबंदी कायम किया गया है.

DM ने कही जांच के बाद कार्रवाई की बात

कांग्रेस सेवा दल ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए डीएम से मांग की है कि पूरी घटना की गहन जांच की जाए और दोषी भू-माफिया, कर्मचारी, सीआइ, और सीओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. सेवा दल के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेमनाथ राय शर्मा ने चेतावनी दी है कि यदि कार्रवाई नहीं की गई, तो वे अनशन करेंगे. वहीं, डीएम मोहम्मद मकसूद आलम ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि फ्रॉड की पुष्टि होती है तो जमाबंदी को रद्द कर दिया जाएगा और दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. इसके साथ ही, जमाबंदी कायम करने वाले कर्मचारियों और सीओ की भूमिका की भी जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी.